लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नया साल 2023 से पहले किसानों को बड़ी सौगात दी है. प्रदेश भर के सरकारी गोदामों में अनाज रखने पर किसानों को अब छूट मिलेगी.यूपी के किसान सरकारी गोदामों में 8.2 लाख मीट्रिक टन धान का भंडारण सस्ते दरों पर कर सकेंगे. उ.प्र. राज्य भंडारण निगम ने धान के इस सीजन में किसानों को भंडारण शुल्क में 30 फीसदी छूट देने का फैसला किया है.इस छूट के बाद किसानों को हर महीने प्रति कुंतल अनाज के भंडारण पर करीब 12.50 रुपये शुल्क देना होगा.भंडारण के साथ ही किसानों को ऑनलाइन देश भर के बाजार में भंडारित अनाज बेचने का मौका भी मिलेगा.


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किसानों को होंगे ये फायदे 
किसानों को सबसे बड़ा लाभ भंडारित अनाज की बिक्री के लिए देश भर का बाजार उपलब्ध होना है. निगम के 147 गोदाम जिनकी भंडारण क्षमता 27 लाख 22 हजार 203 मीट्रिक टन हैं. ये सभी गोदाम वेयर हाउसिंग डेवलेपमेंट रेगुलेटरी अथारिटी (डब्ल्यूडीआरए) के गोदामों की सूची में शामिल हैं. ये सभी गोदाम ऑनलाइन देश के सभी बाजारों से जुड़ गए हैं. इन्हीं गोदामों में किसानों के लिए कुल क्षमता का 30 फीसदी जो कि 8.2 लाख मीट्रिक टन है आरक्षित किया गया है.


किसानों का आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा 
इन गोदामों में भंडारित अनाज की जो रसीद मिलेगी उसके आधार पर किसान बैंक से लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही अगले फसल की तैयारी कर सकते हैं. बाजार में मनचाही कीमत मिलने के बाद किसान अनाज बेचने के बाद बैंक का कर्ज भर सकेंगे. इस व्यवस्था से किसानों को अनाज भंडारित करने के बाद भी आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा. 


यूपी के 56 जिलों में हैं गोदाम 
रायबरेली, बाराबंकी, पीलीभीत, फतेहपुर, कांशीराम नगर, अंबेडकरनगर, अलीगढ़, जालौन, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर नगर, मथुरा, मुरादाबाद, सीतापुर, बरेली, महामाया नगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, मैनपुरी, गोरखपुर, हमीरपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, झांसी, वाराणसी, बहराइच, गोंडा,  खीरी, बदायूं, बस्ती, कुशीनगर, फर्रूखाबाद, इटावा, कन्नौज, देवरिया, ज्योतिबा फुले नगर, गाजीपुर, रामपुर, औरैय्या, हरदोई, सहारनपुर, सुल्तानपुर, बलरामपुर, कानपुर देहात, कौशांबी,  बिजनौर, जौनपुर, आगरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र और सिद्धार्थनगर, में ये गोदाम हैं. 


अधिकारियों के मुताबिक. किसानों को भंडारण के लिए जागरूक करने का अभियान शुरू हो चुका है. किसानों को बताया जा रहा है कि यदि तत्काल बहुत पैसे की जरूरत नहीं है तो वह अपने अनाज को निगम के गोदामों में भंडारित कर सकते हैं. एक-दो महीने बाद जब बाजार में दाम बढ़ेंगे किसान उसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे.