यूपी में बिजली संकट पर ब्रेक, दिवाली पर योगी सरकार का गाजियाबाद से गोरखपुर तक 50 हजार करोड़ के फंड का ऐलान
UP News : यूपी में पिछले दिनों बिजली संकट से सबक लेते हुए राज्य की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. अब राज्य में 25 की जगह 40 जोन बनाए गए हैं. इनसे बिजली चोरी की मॉनिटरिंग भी तेज होगी. सरकार इसके लिए 50 हजार करोड़ रुपये के फंड का इंतजाम कर रही है.
अजीत सिंह/लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बिजली संकट को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आपके घर तक पहुंचने वाली बिजली की सप्लाई में कोई रुकावट न आए, इसके लिए नये जोन बनाए गए हैं. इसके तहत पूरे प्रदेश में आरडीएसएस, बिजनेस प्लान तथा अन्य मदों में कार्य कर इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है. बिजली की सप्लाई ठीक रखने और बर्बादी रोकने के लिए मॉनीटरिंग बढ़ाई जाएगी. इसी कड़ी में क्षेत्रीय कार्यालयों की संख्या बढ़ाई जा रही है. इससे जहां कार्यक्षमता बढ़ेगी, वहीं शिकायतों के समाधान में भी तेजी जाएगी. ऐसे में योगी सरकार ने प्रदेश की बिजली व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिये उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के तहत निर्धारित क्षेत्रों (जोन) का पुनर्निर्धारण करने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में कार्यरत 25 क्षेत्रों (जोन्स) को बढ़ाकर 40 क्षेत्र (जोन) बनाये जाएंगे. नवनिर्मित इन क्षेत्रों में चीफ इंजीनियरों की तैनाती की जाएगी.
इन शहरों में नये जोन बने
योगी सरकार के फ़ैसले के बाद गोरखपुर (Gorakhpur), प्रयागराज, वाराणसी (Varanasi), बरेली, लेसा (सिस गोमती) लेसा (ट्रांसगोमती) अलीगढ़ (Aligarh News), कानपुर (Kanpur), मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर (Saharanpur), आगरा, तथा लखनऊ को विभाजित कर एक-एक नया क्षेत्र (जोन) बनाया गया है. इसके अलावा गाजियाबाद (Ghaziabad) क्षेत्र को तीन खण्डों में विभाजित कर दो नये क्षेत्र (जोन) गठित किये गये हैं. इससे नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अलग-अलग पर्यवेक्षण किया जा सकेगा. वहीं बुलन्दशहर, अयोध्या, नोएडा (Noida), आजमगढ़, मिर्जापुर, बस्ती, देवीपाटन, बांदा (Banda), झांसी (Jhansi) और केस्को में स्थापित जोन पूर्ववत ही रहेंगे. योगी सरकार के फ़ैसले से बिजली विभाग के वर्तमान क्षेत्रों (जोन) को विभाजित कर नये क्षेत्रों (जोन) के गठन से बिजली सप्लाई मजबूत होगी.
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इलेक्ट्रिसिटी लॉस कम करने की कवायद
योगी सरकार आरडीएसएस योजना के तहत वितरण निगमों को वित्तीय रूप से सक्षम बनाने के लिए बिजली की बर्बादी को कम करने पर जोर दिया जा रहा है. वहीं विद्युत व्यवस्था के आधुनिकीकरण पर भी 50 हजार करोड़ की कार्य योजना भारत सरकार के पास भेजी जा रही. विद्युत वितरण क्षेत्रों के पुनर्गठन का से गुणवत्तापक बेहतर विद्युत आपूर्ति, उसकी मॉनीटरिंग, लाइन हानियों को कम करने, विद्युत चोरी रोकने, उपभोक्ताओं की समस्याओं का जल्द समाधान करना सम्भव हो सकेगा. इसके साथ ही आरडीएसएस के कार्यों में तेजी लाने और उसकी गुणवत्ता निर्धारित करने के साथ स्मार्ट मीटरिंग आदि के कार्य में भी आसानी होगी.
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