उत्तराखंड सरकार के मंत्री अब महीने में दो बार लगाएंगे जनता दरबार
पिछले साल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार कार्यक्रम में एक ट्रांसपोर्टर ने जहर खा लिया था. इस घटना के बाद जनता दरबार कार्यक्रम धीरे-धीरे बंद हो गया था.
देहरादून, (मनमोहन भट्ट): उत्तराखंड सरकार के मंत्री अब महीने में दो बार बीजेपी कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याओं को सुनेंगे. लम्बे समय बाद जनता दरबार आयोजित होने से बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और फरियादियों की भीड़ लगनी शुरू हो गई है. पिछले साल कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार कार्यक्रम में एक ट्रांसपोर्टर ने जहर खा लिया था. इस घटना के बाद जनता दरबार कार्यक्रम धीरे-धीरे बंद हो गया था.
कार्यकर्ताओं और जनता तक पहुंच बढ़ाने के लिए बीजेपी ने एक बार फिर से जनता दरबार कार्यक्रम का सहारा लेना शुरू कर दिया है. बीजेपी के मंत्री अब महीने में दो बार बीजेपी कार्यालय में आकर जनता की समस्याओं से रूबरू होंगे. साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को विधानसभा में 1 दिन बैठने के आदेश जारी किए थे. इसका मकसद कामकाज में तेजी लाना और जनता की समस्याओं को जल्द सुनकर हल करना था.
इसके बाद जनता दरबार कार्यक्रम लगाए जाने का भी सिलसिला शुरू हुआ. हर रोज एक मंत्री बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जनता की समस्याओं को सुनने के लिए पहुंचता था. लेकिन, बीजेपी कार्यालय में ही भरे जनता दरबार में एक ट्रांसपोर्टर के जहर खाकर आत्महत्या करने के बाद इस जनता दरबार को धीरे धीरे बंद कर दिया गया. हालांकि फरियादी बीजेपी कार्यालय में आकर अपनी समस्याएं बताते रहे. लेकिन, लोकसभा चुनाव सामने दिखाई देने लगा है. ऐसे में बीजेपी कार्यकर्ताओं और जनता के बीच में अपनी पकड़ को मजबूत करने के इरादे से जनता दरबार फिर से नियमित शुरू कर रही है.
शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय का कहना है कि नगर निकाय चुनाव के कारण राज्य में आचार संहिता लागू थी. इस कारण जनता दरबार नहीं लग पाया. लेकिन अब एक बार फिर जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब-जब उन्होंने जनता दरबार लगाया तब-तक शिक्षा विभाग से संबंधित ट्रांसफर और पोस्टिंग जैसे विषय ही उनके दरबार में ज्यादा आए. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के ओएसडी पूर्वा दत्त भट्ट का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बीजेपी दफ्तर में जनता से नियमित मिलने की जिम्मेदारी सौंपी है. हर रोज करीब 15 से 20 लोग किसी ना किसी प्रकार की समस्या लेकर उनके पास आते हैं. अब जनता दरबार कार्यक्रम की शुरूआत 2019 में एक बार फिर की गई है. हर महीने 2 मंत्री जनता दरबार लगाएंगे.
जनता दरबार शुरू तो हो चुका है. लेकिन अब देखना यह है कि इस दरबार में आने वाले फरियादियों की समस्याओं का कितना समाधान हो पाता है. जनता दरबार में जहर खाकर आत्महत्या के बाद हालांकि पार्टी इस बात से डरी ही है कि कहीं आने वाले दिनों में फिर से जनता दरबार पार्टी के लिए मुसीबत का कारण तो नहीं बन जाए.