हल्दवानी: हलद्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने एक बायो डाइवर्सिटी यानी जैव विविधता पार्क विकसित किया है. 18 एकड़ जमीन में बने इस पार्क में तरह-तरह के पेड़-पौधों के अलावा भी काफी कुछ है. उत्तराखंड सरकार जल्दी ही इसे आम जनता के लिए खोलने वाली है. 


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2 साल की कड़ी मेहनत के बाद मिली कामयाबी 
हलद्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने 2 साल इस पार्क को विकसित करने में मेहनत की है. उत्तराखंड फॉरेस्ट रिसर्च विंग के करीब 18 एकड़ जमीन में इस पार्क को बनाया गया है, जिसमे 40 अलग अलग सेक्शन बनाये गए हैं. जल्दी ही आम जनता के लिए इसे खोलने पर विचार किया जा रहा है. पार्क में कुल 479 वनस्पति की प्रजातियां लगाई गई हैं. इस पार्क में धार्मिक, अध्यात्मिक, स्वास्थ्य सम्बन्धी वाटिका, बुद्ध वाटिका और पुलवामा शहीद वाटिका भी बनाई गई हैं. इस बायो डायवर्सिटी पार्क में  40 से ज्यादा औषधीय पौधों की भी प्रजातियां भी लगाई गई हैं. 


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इंटरप्रिटेशन सेंटर देगा पार्क की जानकारी 
बायो डायवर्सिटी पार्क का सबसे बड़ा आकर्षण इंटरप्रिटेशन सेंटर है, जिसमें राज्य के अंदर पाए जाने वाली अलग-अलग तरह की मिट्टी, पर्वतीय इलाकों में पाये जाने वाले बीज और जड़ी बूटियों से निकलने वाला तेल भी रखा गया है. आम जनता जैव विविधता को अच्छी तरह समझ पाए, इसके लिए यहां जुरासिक पार्क भी बनाया गया है. 


कम संसाधन में बेहतरीन कोशिश 
बायो डायवर्सिटी बाक में पाम, जलीय पौधों, कैक्टस और विदेशी फूलों की अनेकों प्रजातियां विकसित की गई हैं. मुख्य वन सरक्षक संजीव चतुर्वेदी के मुताबिक बहुत ही कम संसाधनों में इस पार्क को जनता के लिए खास बनाने की कोशिश की गई है. ये पार्क आम लोगों तक ये संदेश पहुंचाएगा कि उनके आस-पास मौजूद वनस्पतियां उनके लिए कितनी कारगर साबित हो सकती हैं. 


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