उत्तराखंड: जबरन रिटायर के आदेश का विरोध, सचिवालय संघ ने बताया टागरेट करने की साजिश
सचिवालय प्रशासन के निजी सचिव स्तर के अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट देने के पत्र को सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने परेशान करने की साजिश बताया है
देहरादून: उत्तराखंड सचिवालय में 50 की उम्र पार कर चुके निजी सचिव स्तर के अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दिए जाने के आदेश का विरोध तेज हो गया है. अपर सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तैयार किए जाने के आदेश पर सचिवालय संघ ने नाराजगी जाहिर की है.
सचिवालय प्रशासन के निजी सचिव स्तर के अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट देने के पत्र को सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने परेशान करने की साजिश बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा, जबकि लापरवाह अधिकारियों पर एक्शन नहीं होता.
बता दें कि सचिवालय प्रशासन ने 50 साल की उम्र पार कर चुके ऐसे निजी सचिव स्तर के अधिकारियों की लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है जो लंबे समय से गैर हाजिर रहते हैं या फिर किसी बीमारी से ग्रसित हैं. पत्र के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी जो आदेशों का पालन नहीं करते या फिर उनके खिलाफ किसी तरह की जांच चल रही है.
उधर, इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है. कांग्रेस नेता जोत सिंह बिष्ट ने सचिवालय प्रशासन के आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार ने पंचायत और कर्मचारियों को प्रयोगशाला बना दिया है. सरकार पर निशाना साधते हुए जोत सिंह ने कहा कि एक तरफ कर्मचारियों का वेतन काटा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें बाहर निकाला जा रहा है. वहीं, आरोपों पर पलटवार करते हुए दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश की बेहतरी के लिए होने वाले कामों में हमेसा अड़ंगा लगाती है.
(इनपुट: देहरादून से कुलदीप नेगी और रामानुज)