टिहरी झील में ‘सी-प्लेन’ के लिए MoU पर हुए हस्ताक्षर, 2020 से शुरू होगी सेवा
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
देहरादून: टिहरी झील में सी-प्लेन के संचालन के लिए वॉटरड्रोम की स्थापना के लिए बुधवार को केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और उत्तराखंड सरकार ने त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. वॉटरड्रोम की स्थापना के लिए एमओयू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है.
टिहरी झील में सीप्लेन सेवा 2020 में शुरू हो जाएगी. शुरुआत में 12 से 20 सीटर सीप्लेन टिहरी से देहरादून के बीच संचालित होगी. प्रति पैसेंजर किराया करीब 5000 रुपये होगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस सीप्लेन परियोजना पर होने वाला समूचा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी. उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक अवसर है. टिहरी झील में सी प्लेन सेवा से टिहरी जिले में पर्यटन का भी विकास होगा.
समझौते के बाद राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि टिहरी झील के नजदीक ही वाटरड्रोम बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि टिहरी झील में काफी मात्रा में पानी है, जिससे यहां 2400 मेगावाट का टिहरी हाइडल प्रोजेक्ट है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए 2.5 हेक्टेयर भूमि की पहचान की जा चुकी है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने सी प्लेन ईंधन के लिए पहले ही वैट 20 फीसदी से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव ऊषा पाधी ने कहा कि यह पहली बार है जब वॉटरड्रोम के लिए केंद्र सरकार ने किसी राज्य सरकार के साथ समझौता किया है. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही सी प्लेन के संचालन संबंधी जानकारी के लिए विदेशों का दौरा करेंगे. इस दौरान इसे संचालित करने वाली कंपनियों से भी वे बातचीत करेंगे.