LOC के पास हिमस्खलन की चपेट में आए थे जवान राजेंद्र नेगी, 220 दिन बाद बरामद हुआ शव
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को बारामूला जिला अस्तपाल के शवगृह में रखा है. सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नेगी के पार्थिव शरीर को उनकी बटालियन 11वीं गढ़वाल राइफल के हवाले कर दिया जाएगा.
देहरादून: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग की फॉरवर्ड पोस्ट से 8 जनवरी 2020 को लापता हुए 11वीं गढ़वाल राइफल के जवान हवलदार राजेन्द्र सिंह नेगी का शव शनिवार को बरामद कर लिया गया. राजेन्द्र सिंह नेगी करीब 8 महीने पहले नियंत्रण रेखा पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. तब से उनका पता नहीं चल पा रहा था, हालांकि सेना ने कुछ दिनों तक राजेंद्र नेगी की तलाश की. जब नेगी का कुछ पता नहीं चला तो उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया.
शहीद नेगी का पार्थिव शरीर रविवार को देहरादून लाया जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्री सिंह रावत ने ट्वीट कर शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की है. नेगी के परिवार में उनकी धर्मपत्नी और तीन बच्चे हैं, जो देहरादून में ही रहते हैं. सेना ने जब नेगी को शहीद घोषित किया था तो उनके परिजन मानने को तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि नेगी नियंत्रण रेखा पर तैनात थे, हो सकता है कि हिमस्खलन की चपेट में आकर पाकिस्तानी सीमा में चले गए हों.
राजेंद्र नेगी की पत्नी राजेश्वरी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा थल सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे को पत्र लिख कर पाकिस्तान से संपर्क साधने की मांग भी की थी. लेकिन आठ महीने बाद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी के परिवार वालों की उम्मीदें तब टूट गईं जब उनके शव की बरामदगी की खबर आई. कश्मीर में तापमान बढ़ने पर जब बर्फ पिघलनी शुरू हुई तो नेगी का शव ऊपर आया.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को बारामूला जिला अस्तपाल के शवगृह में रखा है. सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद नेगी के पार्थिव शरीर को उनकी बटालियन 11वीं गढ़वाल राइफल के हवाले कर दिया जाएगा. बटालियन पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी का शव उनके परिजनों को सौंपेगी.
WATCH LIVE TV