Ankita Murder Case: अंकिता भंडारी के टैलेंट के टीचर्स भी थे कायल, 12वीं में टॉप से लेकर रिजॉर्ट में जॉब तक ऐसी रही कहानी
Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी बहुचर्चित मर्डर केस के मामले की गुत्थी अभी सुलझ नहीं पाई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी टीम का गठन करने का निर्देश दिया है. जानिए 12वीं में टॉप करने वाली हंसमुख अंकिता भंडारी की कहानी...
राम अनुज /देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड से पूरे उत्तराखंड में जन आक्रोश देखने को मिल रहा है. जगह-जगह आम लोग हत्यारोपियों को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे हैं. अंकिता भंडारी के गांव और उसके दोस्त यह मानने को तैयार नहीं हैं कि अंकिता भंडारी के साथ इतनी जघन्य वारदात हुई है.पौड़ी गढ़वाल के श्री कोर्ट की रहने वाली अंकिता भंडारी बहुत ही सरल स्वभाव की थी. मेहनतकश और हुनरमंद रही थी. वह दूसरों की हमेशा मदद करने के लिए सबसे आगे की पंक्ति में खड़ी रहती थी.
आपको बता दें कि अंकिता भंडारी के कई ऐसे सहपाठी रहे हैं, जिन्होंने उनके साथ पढ़ाई की थी. 12वीं की परीक्षा अंकिता ने 2020 में कॉमर्स स्ट्रीम से पास की थी. बीआर मॉडल स्कूल में पढ़ाई करने वाली अंकिता ने अपने स्कूल में टॉप किया था. अंकिता के सहपाठी विवेक का कहना है कि अंकिता क्लास में शिक्षकों के सभी सवालों का हाजिरजवाब देती थी और यही वजह रही कि सभी शिक्षक अंकिता के पठन-पाठन से काफी प्रभावित रहते थे. वह दूसरे सहपाठियों की मदद करने के लिए तैयार रहती थी. बता दें अंकिता ने अपने माता पिता के साथ गांव में रहकर पढ़ाई की थी.
अंकिता का एक भाई है, उनकी मां आंगनबाड़ी वर्कर्स हैं. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर रहा. ऐसे में अंकिता ने पढ़ाई के बाद नौकरी करने की सोची थी. यही वजह है कि अब सभी सहपाठी अंकिता के हत्यारोपियों की सजा-ए-मौत की मांग कर रहे हैं. स्कूल के प्रिंसिपल का भी मानना है अंकिता एक कुशाग्र बुद्धि की छात्रा रही. 2011 में जब स्कूल में एडमिशन लिया था, तब वह चौथी क्लास की छात्रा थी. अंकिता ने 2020 में 88% मार्क के साथ स्कूल टॉप किया था. अंकिता के स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है उन्होंने अपने स्कूल की पूर्व छात्रा को खो दिया है. सभी शिक्षक अंकिता के हत्यारोपियों की फांसी देने की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
पौड़ी गढ़वाल जिले के एक रिजॉर्ट में अंकिता भंडारी रिसेप्शनिस्ट का काम करती थी. वह 18 सितंबर को गायब हुई थी. पुलिस को उसकी डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास मिली. पुलिस के मुताबिक, 18 सितंबर की शाम को पुलकित (रिजॉर्ट संचालक) और अंकिता का रिजॉर्ट में झगड़ा हुआ था. पुलकित ने अंकित (असिस्टेंट मैनेजर) और सौरभ (मैनेजर) से कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं. इसके बाद एक बाइक और एक स्कूटी से चारों लोग ऋषिकेश के लिए निकले. चारों AIIMS ऋषिकेश पहुंचे और वहां से लौट आए. वापसी में बैराज चौकी से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर चीला रोड पर नहर के किनारे पुलकित और अंकिता अंधेरे में एक जगह पर रुके थे. वहीं रुककर चारों ने मोमोज खाए और तीनों लड़कों ने शराब पी. इस दौरान अंकिता और पुलकित के बीच फिर विवाद होने लगा.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी.हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं. अंकिता कहने लगी कि वह रिजॉर्ट की हकीकत सबको बता देगी और उसने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया. इसके बाद अंकिता की आरोपियों से हाथापाई होने लगी और आरोपियों ने उसे नहर में धक्का दे दिया.