Cloud burst in Pithoragarh: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की धारचूला घाटी में बादल फटने से तबाही मच गई है. इसके लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं. सीएम पुष्कर सिंह धामी से हेलीकाप्टर की मांग की गई है. बताया जाता है कि बादल फटने से आए सैलाब में 200 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं.


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धारचूला तहसील के दारमा घाटी के चल गांव में ये बादल फटा है. बादल फटने से पैदल पुल ,ट्रॉली भी धवस्त हो गई है. कई लोगों के चल गांव में पानी और मलबे के बीच फंसे होने की सूचना मिल रही है.  मौके पर एसडीआरएफ और पुलिस प्रशासन रवाना हो गया है. दोबाट में सड़क बंद होने से रेस्क्यू के लिए पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम काम कर रही है. 


उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट पहले ही दिया गया था. नैनीताल समेत कई जिलों में स्कूल कॉलेज को बंद रखा गया था. कई जिलों के ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था. 



चमोली जिले में भी आफत
चमोली  में दो दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है जिस कारण चमोली में बद्रीनाथ हाईवे सहित 18 गर्मीण सड़कें बंद हो गई हैं ।विकास खंड नंदानगर घाट को जोड़ने वाला सुतोल कनोल मोटर मार्ग भी बाधित है बारिश के चलते बरसाती गदेरा उफान पर है, और गदेरे का अधिक जल स्तर बड़ने से सड़क का कुछ हिस्सा ढह गया. एक वायरल वीडियो में गांव के कुछ ऊर्जावान युवाओं ने गदेरे के ऊपर लकड़ी की बल्ली रख कर कैसे बाइक को उसके सहारे पार करवाया.


हल्द्वानी में भी हालत खराब
हल्द्वानी में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश के चलते शहर की सभी सड़कें जलमग्न हो गई हैं.पानी का बहाव इतना तेज है कि गाड़ियां तो दूर पैदल चलना भी संभव नहीं हो पा रहा है.लगातार हो रही बारिश से नहरें ओवरफ्लो हो गई हैं तो पानी सड़क पर आ गया है. नगर निगम के तमाम दावे उस समय धरे के धरे रह गए, जब हल्द्वानी की सड़कों पर पानी के सिवाय और कुछ नहीं दिख रहा था.


लगभग 1 महीने पहले से मानसून से निपटने की तैयारियों की तेजी दिख रही थी. जिला प्रशासन और नगर निगम दावा कर रहा था जलभराव की समस्या नहीं होगी. ड्रेनेज सिस्टम बिल्कुल एक्टिव है लेकिन आज 1 घंटे की बारिश ने इन तमाम दावों पर विराम लगा दिया पर हल्द्वानी की सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई