राम अनुज/जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा अब राजनीतिक रंग लेती जा रही है. कांग्रेस औऱ अन्य विपक्षी दलों ने इसको  लेकर राज्य की बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. हालांकि कांग्रेस ही इस मुद्दे पर दो धड़ों में बंटती नजर आ रही है. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस मुद्दे पर पुष्कर सिंह धामी सरकार को 21 सूत्रीय सुझाव पत्र सौंपने का फैसला किया है. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा मंगलवार को इस मुद्दे पर समर्थकों समेत सड़क पर उतरे और राजभवन के निकट प्रदर्शन किया.


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उत्तराखण्ड का जोशीमठ इन दिनों भूधंसाव के कारण चर्चा में बना हुआ है. केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर जोशीमठ भेजी है. जो सर्वेक्षण के बाद सरकार को स्थिति से निपटने के लिए सुझाव देगी. इसी टीम की रिपोर्ट के आधार पर कुछ बेहद असुरक्षित भवनों को गिराने को फैसला लिया गया है. फिलहाल वहां एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. 


स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रदेश और केंद्र सरकार के मंत्री लगातार जोशीमठ का दोरा कर रहे है. इसी कवायद में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी जोशीमठ का दौरा किया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दौरे से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का आज शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर सकते हैं.


पूर्व मुख्यमंत्री ने क्या कहा
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के कामकाज पर भी सवालिया निशान लगाया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोगों के घरों में दरारें आई हैं ऐसे में सरकार को गंभीरता से काम करने की जरूरत है. इसके साथ ही उनका कहना है कि लोगों को मुआवजा देने की भी जरूरत है. अभी सरकार उनको कोई खास राहत पैकेज नहीं दे रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि नए जोशीमठ को बसाने की भी जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे सरकार को 21 सूत्रीय सुझाव पत्र भी सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.