Uttarkashi: हर्षिल घाटी में बर्फबारी से खिल उठे पर्यटकों के चेहरे, होटल-रेस्तरां में बढ़ी बुकिंग
उत्तराखण्ड के गंगोत्री धाम में बर्फबारी होने से का नजारा हूआ बेहद खूबसूरत. स्थानीय लोगों के खिल उठे चेहरे....
हेमकांत नौटेयाल/उत्तरकाशी: उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जनपद के लोगों में इस समय हर्षोउल्लास का माहौल बना हुआ है. लोगों में खुशी है इलाके में हुई बर्फबारी. लोगों का कहना है कि बर्फबारी के बिना पूरा उत्तरकाशी सूना-सूना लगता है. बर्फबारी का मजा लेने पूरे देश से लोग उत्तरकाशी घूमने आते हैं. इससे बहुत सारे लोगों का व्यवसाय चलता है. इस साल बर्फबारी देल से होने के कारण पर्यटकों की संख्या भी का रही थी. लेकिन अब लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट साफ देखी जा सकती है. लोगों को उम्मीद की अब इलाके में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
आपको बता दें कि उत्तरकाशी जनपद के विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम सहित उपला टकनोर के झाला, सुखी, मुखवा, हर्षिल आदि क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई है. वहीं क्षेत्र के लोगों लोगों का कहना है कि पिछले दो-तीन माह से बारिश और बर्फबारी ना होने से काश्तकार काफी परेशान थे. और इस बार पर्यटक भी बहुत कम मात्रा में यहां पर आए हैं. बर्फबारी होने से क्षेत्र के लोगों के चेहरे खिल उठे हैं और यह बर्फबारी फसलों के लिए भी काफी लाभदायक मानी जा रही है. साथ ही बर्फबारी होने से गंगोत्री धाम का नजारा अद्भुत और अलौकिक लग रहा है. हालांकि आजकल गंगोत्री धाम में कपाट बंद होने के कारण वहां पर कुछ साधु-संत सहित इक्के दुके लोग ही रहते हैं. बर्फबारी होने से गंगोत्री धाम का नजारा खूबसूरत लग रहा है. गंगोत्री धाम सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात होने से निचले क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है.
फसल के लिए अच्छे संकेत
स्थानीय निवासी ने जानकारी देते हुए बताया कि बर्फबारी होने सेब की अच्छी पैदावार होने के आसार हैं. आपको बता दें कि सेब की फसल के लिए बर्फबारी लाभदायक होती है. इसके साथ ही अन्य फसलों के लिए भी यह अच्छे संकेत है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि तीन महीने से लोग जो सूखे की ठंड झेल रहे थे उससे भी लोगों को निजात मिला है. 'सूखे की ठंड' शब्द का प्रयोग लोग आम बोलचाल की भाषा में करते हैं जिसका मतलब होता है बिना बर्फबारी की ठंड.