देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्ती का मुद्दा गरमाया हुआ है. भर्ती विवाद की जांच का आज दूसरा दिन है. दिलीप कुमार कोटिया की अध्यक्षता में गठित कमेटी भर्ती से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है. 2012 से लेकर 2022 तक के भर्ती प्रकरणों की जांच हो रही है. समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी. 


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तीन सदस्य की कमेटी का किया गया है गठन
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है. डीके कोटिया की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जिसे 1 महीने में कमेटी को जांच रिपोर्ट देनी होगी. जिसमें सुरेन्द्र सिंह रावत और अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं. ये सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं और प्रदेश के इस मामले के विशेषज्ञ हैं. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को फोर्सली लीव पर भेज दिया है, अग्रिम आदेशों तक वह लीव पर रहेंगे. साथ ही समिति  जब सहयोग मांगेगी तो उसके लिए हमेशा उपस्थित रहना होगा.  


दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई - विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि उन्होंने आगे कहा कि सदन की गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है, इसको बनाए रखने के लिये कितने ही कठोर व कड़वे निर्णय लेने हों तो भी पीछे नहीं हटूंगी. विधानसभा परिसर लोकतन्त्र का मंदिर है. अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता मुझे स्वीकार्य नहीं है. विधान सभा व प्रदेश के हित में मुझे जितने भी रिफॉर्म्स विधानसभा में करने पड़े उसके लिये तैयार हूं. उत्तराखण्ड का युवा वर्ग आश्वस्त रहे, किसी को भी निराश नहीं करूंगी, सबके साथ न्याय होगा. 


वन रक्षक परीक्षा पर भी उठ रहे सवाल
इसके अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले का मुद्दा प्रदेश में गरमाया हुआ है. जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है. यूकेएसएसएससी के सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर लीक मामले एसटीएफ ने कई गिरफ्तारियां की हैं. साथ ही टीम को कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं. यही नहीं अब प्रदेश वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा 2021 भी सवालों के घेरे में है. सीएम धामी के निर्देश पर एसटीएफ ने इस मामले की भी जांच शुरू कर दी है.