Kailas Mansarovar Yatra 2022: विश्व की सबसे बडी धार्मिक यात्रा मानी जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल भी शुरू नहीं हो पाएगी. इस यात्रा की शुरूआत 12 जून से होनी थी, जो सितम्बर के दूसरे सप्ताह तक चलती है. कैलाश मानसरोवर की यात्रा पिछले 3 सालों से बंद है. 2 सालों तक कोरोना महामारी के चलते ये यात्रा नहीं हो पाई, तो वहीं इस साल यात्रा के रद्द होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाए हैं. 


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उत्तराखंड में यात्रा के पड़ाव 
कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) करता है.  यात्रा उत्तराखंड में सबसे पहले काठगोदाम, भीमताल फिर अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ गूंजी नाभि डांग होते हुए चीन तिब्बत बॉर्डर तक पहुंचती है. यात्रा के लिए हर वर्ष दिसंबर माह में देश भर से यात्रा में जाने वाले यात्रियों से आवेदन लिए जाते हैं. इसके बाद आवेदन जनवरी माह में विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में पहली बैठक होती है. यात्रा को लेकर इस बार ना, तो दिल्ली में कोई बैठक हुई और न ही किसी भी तरह की तैयारियां. जिसके बाद से ही इस यात्रा के रद्द होने के कयास लगने शुरू हो गए थे.  


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कारोबारी को हो रहा नुकसान
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले यात्री सीमावर्ती क्षेत्रों के होमस्टे में रुकते हैं. उनको पहाड़ी उत्पादों से बने व्यंजनों को परोसा जाता है और इससे इस पूरे इलाके की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. कोरोना महामारी के बाद कारोबारियों को इस साल यात्रा शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यात्रा नहीं होने की वजह से एक बार फिर कारोबारी मायूस हो गए हैं. यात्रा रद्द होने से इस यात्रा का संचालन करने वाली संस्था (KMVN) को अकेले 4 करोड़ से अधिक का नुकसान होगा. 


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