कुलदीप नेगी/देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को अब जिला बनाने की मांग उठ रही है, और ये आवाज कहीं और से नहीं बल्कि बीजेपी के अंदर से ही उठ रही है. जानकारी के मुताबिक गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बने तीन साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. बीते तीन सालों में गैरसैंण से न सरकार चली है न ही यहां मंत्री से लेकर अधिकारी तक यहां कभी बैठे हैं. बीते तीन सालों में गैरसैंण से राज्य का बजट पेश किया गया है. शायद इसी वजह से अब गैरसैंण को जिला बनाने की मांग उठने लगी है. 


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भाजपा विधायक ने की मांग
गौरतलब है कि गैरसैंण को जिला बनाने की मांग विपक्ष ने नहीं बल्कि भाजपा विधायक ने ही उठाई है. जी हां, आपने सही सुना है. बीजेपी के कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक अनिल नौटियाल ने गैरसैंण को जिला बनाने की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बातचीत की है. बीजेपी विधायक अनिल नौटियाल का कहना है कि छोटी प्रशासनिक इकाइयों के गठन से जनता को भी सहूलियत मिलती है. विधायक अनिल नौटियाल का कहना है कि उन्होंने इस बाबत सीएम से भी चर्चा की है. इसके अलावा उन्होंने गैरसैंण में अधिकारी बैठें इस संबंध में भी विधानसभा स्पीकर ऋतु खंडूड़ी और मुख्यमंत्री से बातचीत की है.


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पहले भी उठी हैं ऐसी मांगें
मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भी कोटद्वार को जिला बनाने की मांग उठाती रही हैं. इसके अलावा प्रदेश में बहुत से स्थानों से नए जिलों के गठन की मांग उठती रही है. बता दें कि 4 मार्च 2020 को भाजपा सरकार ने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया था. यह घोषणा उस समय के तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी. ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित होने के तीन साल बाद भी गैरसैंण में कई सरकारी भवनों का निर्माण किया जाना है. 


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