हेमकान्त नौटियाल/उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त तय हो गया है. कपाट बंद को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है.  देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे.  गंगोत्री धाम के कपाट आगामी 6 महीने के लिए बंद हो जाएंगे.


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विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ बंद होंगे कपाट 
गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर बंद होते हैं. इस बार 26 अक्टूबर को सुबह 10.15 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा जाएगा और इसके बाद निर्वाण दर्शन होंगे.  वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक होता है. उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ कपाट बंद कर दिए जाएंगे.


फूलों से सजाया जा रहा है मंदिर
गंगोत्री मंदिर (gangotri mandir)  को फूलों से सजाया जा रहा है. वहीं कपाट बंद होने के बाद 12:05 बजे पर मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम से मुखीमठ (मुखवा) के लिए हजारों श्रद्धालुओं के साथ रवाना होगी. रात्रि विश्राम मां गंगा की उत्सव डोली का मुखबा गांव से 5 किलोमीटर पहले देवी मां के मंदिर में होगा. आगामी 27 अक्टूबर को मां गंगा की उत्सव डोली अपने मायके मुखबा मुखीमठ में हजारों श्रद्धालुओं के साथ पहुंचेगी. आगामी 6 माह तक यहीं पर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगी. 


27 अक्टूबर को बंद जाएंगे यमुनोत्री धाम के कपाट 
वहीं दूसरी ओर यमुनोत्री धाम (Yamunotri Dham) के कपाट भैया दूज के अवसर पर 27 अक्टूबर को 12:09 मिनट पर बंद होंगे. यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली 27 अक्टूबर की सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी.  जिसके बाद शुभ मुहूर्त पर कपाट बंद किए जाएंगे. 


शीतकाल के दौरान गंगोत्री धाम में वर्ष से देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साधु-संत साधना करते हैं. गंगोत्री धाम के निकट कनखू, चीड़वासा, भोजवासा और तपोवन में भी साधु साधना करते हैं. 


 


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