Uttarkashi News: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बचाव अभियान 4 दिन बाद भी पूरा नहीं हो सका है. चार दिनों से 40 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. उनको बचाने के सारे प्लान अभी तक परवान नहीं चढ़ सके हैं. परिजनों के साथ विपक्षी दल भी सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है. 


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सवाल पूछा जा रहा है कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन आखिर प्लान क्या है? 12 नवंबर को जहां टनल में मलबा हटाकर मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन करने का प्लान चल रहा था. जब उसमें कामयाबी नहीं मिली तो दूसरे प्लान पर काम शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक हालत जस के तस हैं. 


जिस जगह टनल में मलबा गिर रहा था तो उसको प्लास्टर के जरिये रोकने की कोशिश हुई, फिलहाल उसमें भी कामयाबी नहीं मिली है. इसके बाद तीसरे प्लान पर विचार शुरू हुआ. 14 नवंबर को मलबा में ड्रिल करके पाइप का स्केप टनल बनाने पर प्लान शुरू किया गया, मगर मशीन इतनी हैवी पावर की नहीं थी, उसमें भी कामयाबी नहीं मिली.


अब चौथा दिन है और चौथे दिन का प्लान अब अलग से बनाया गया है. हाईटेक मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो दिल्ली से मंगाई गई है, अब हाईटेक मशीन से स्केप टनल बनाया जाएगा.


जबकि पांचवा प्लान यह भी है कि जिस जगह पर मजदूर फंसे हैं, वो टनल के ऊपरी इलाके में है. जहां कुछ स्थानीय लोगों ने भी सर्वे किया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक टनल में पहुंचने का दूसरा रास्ता यह भी है कि अगर टनल के ऊपरी इलाके में ड्रिल करके काम किया जाए तो 30 से 40 मीटर की दूरी तय करके टनल में उतरा जा सकता है. जी मीडिया की टीम ने एक्सक्लूसिव तौर पर वो जगह दिखाई है, जहां पर टनल में ड्रिल करके उतरा जा सकता है. इसके बारे में भी विचार किया जा रहा है.


जी मीडिया की टीम ने टनल की ऊपरी इलाके का जायजा लिया, जहां से टनल होकर गुजरती है. चौथे दिन नए प्लान के बारे में विचार हो रहा है. दिल्ली से जो मशीन मंगाई जा रही है. उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है ताकि मशीन को लाने में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो जगह-जगह पुलिस जवान तैनात रहे ऐसे में मशीन को लाने का विचार किया जा रहा है


आज टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए नई मशीन को इंस्टॉल किया जाएगा इसके बाद एक बार फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत होगी इस तरह से चौथे दिन चौथ प्लान का की शुरुआत होने जा रही है


परिजनों का कहना है कि जिस तरह से बार-बार प्लान बदल रहा है और 72 घंटे का वक्त पूरा होने जा रहा है इससे उन्हें चिंता सता रही है क्योंकि भले ही उन फंसे हुए मजदूरों से बातचीत हो रही हो मगर जिस तरह से पूरा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है इससे परिजन संतुष्ट नजर नहीं आ रही है और सवाल खड़ा कर रहे हैं.


मजदूर लगातार टनल के बाहर हंगामा कर रहे हैं कंपनी के खिलाफ उनका आक्रोश बढ़ रहा है उनका कहना है कि जिस तरह से कंपनी सुरक्षा के मांगों की अनदेखी की है इससे वह काफी नाराज है क्योंकि जो मजदूर फंसे हैं उनको निकालने में देरी भी हो रही है।


उनका कहना है कि टनल में फंसे लोगों की जिंदगी जेल से भी बदतर है ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि ऑपरेशन को तेज गति के साथ में चलाया जाए ताकि उन्हें आसानी से निकाला जा सके रेस्क्यू ऑपरेशन कब पूरा होगा इसको कह पाना मुश्किल है लेकिन बार-बार रेस्क्यू ऑपरेशन का बदल रहा पैटर्न लोगों की चिंताएं बढ़ा रहा है ?


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