वाराणसी में खाकी वर्दी वाले `मास्टरजी`, हर शाम बच्चों को सुनाते हैं वतनपरस्ती की कहानियां
वाराणसी के कोतवाली थाने के अंबियामंडी पुलिस चौकी पर तैनात अनिल मिश्र चौकी में रोजाना शाम को बच्चों की पाठशाला सजाते हैं. इस पाठशाला में आस-पास के इलाके में रहने वाले बच्चों को न सिर्फ पढ़ाया जाता है बल्कि अनिल मिश्र उन्हें खूब कहानियां सुनाते हैं.
वाराणसी: आम तौर पर बच्चों को पुलिस का नाम लेकर डराया जाता है, लेकिन वाराणसी में एक पुलिस स्टेशन ऐसा भी है जहां हर रोज बच्चे अपनी मर्जी से पहुंच जाते हैं. इसकी वजह हैं इस पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार मिश्र, जिनसे मिलने के लिए खास तौर पर ये बच्चे हर रोज शाम को पुलिस स्टेशन पहुंचते हैं.
वाराणसी के कोतवाली थाने के अंबियामंडी पुलिस चौकी पर तैनात अनिल मिश्र चौकी में रोजाना शाम को बच्चों की पाठशाला सजाते हैं. इस पाठशाला में आस-पास के इलाके में रहने वाले बच्चों को न सिर्फ पढ़ाया जाता है बल्कि अनिल मिश्र उन्हें खूब कहानियां सुनाते हैं.
UPPSC PCS Mains Exam 2019: 4 दिन तक 2 पालियों में होगी परीक्षा, 22 सितंबर से शुरुआत, सेंटर भी जानिए
ये कहानियां 1857 के संग्राम से लेकर 1947 में आजादी तक अंग्रेजों की यातना के खिलाफ वीर सपूतों के हौसलों की होती हैं. उनका मानना है कि इन कहानियों को सुनकर बच्चों में नैतिक और देशभक्ति की भावना जागती है. वे कदर मजबूत भी बन रहे हैं कि वे अपने आस-पास होने वाली गलत गतिविधियों का विरोध कर सकें और भविष्य में अच्छे नागरिक बन सकें. अनिल मिश्रा पूरे दिन अपनी ड्यूटी करते है और शाम होते ही वो चौकी पर बच्चों को कहानी सुनाते हैं. बच्चे भी बड़े चाव से दरोगा जी से महात्मा गांधी, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोष, बाल गंगाधर तिलक, बटुकेश्वर दत्त, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, विनायक दामोदर सावरकर, शहीद ऊधम सिंह, मंगल पांडेय, रानी चिन्नमा जैसी महान हस्तियों की कहानियां सुनते हैं.
यूं तो पुलिस लोगों को कानून का पाठ पढ़ाती है पर वाराणसी के अंबिया चौकी पर तैनात अनिल मिश्र छोटे बच्चों को राष्ट्रीयता और नैतिकता का भी पाठ पढ़ा रहे हैं. ताकि वे अपने देश के लिए शहीद हुए महापुरुषों को नहीं भूलें.
WATCH LIVE TV