Gyanvapi Authentic Map: 400 साल पहले कैसा दिखता था ज्ञानवापी मंदिर, ASI ने हूबहू नक्शा तैयार कर कोर्ट में किए सनसनीखेज खुलासे
Gyanvapi Authentic Map: ASI के मुताबिक, जेम्स प्रिंसेप समेत अन्य ने जो नक्शे तैयार किए वो काशी के लोगों से चर्चा या उनसे बात करने पर आधारित थे. जिसे प्रामाणिक नहीं कहा जा सकता है.
वाराणसी: ज्ञानवापी का मामला दिन पर दिन तूल पकड़ता जा रहा है, अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने ज्ञानवापी का प्रामाणिक नक्शा पहली बार तैयार किया है. ASI के मुताबिक, जेम्स प्रिंसेप समेत बाकियों ने जो नक्शे बनाए थे, काशी के लोगों से चर्चा करके या तो बातचीत पर आधारित थे. नक्शे कल्पना पर भी आधारित थे. जिसको प्रामाणिक नहीं कह सकते हैं. ऐसा पहली बार है जब ज्ञानवापी व उसकी संरचनाओं की वैज्ञानिक पद्धति से लंबाई-चौड़ाई का माप-जोख किया गया और तब प्रामाणिक ब्योरा मुहैया कराई गई.
ज्ञानवापी मामले की बात करें तो जिला जज की अदालत में ज्ञानवापी की 839 पेज की सर्वे रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी. प्लाट नंबर-9130 स्थित ज्ञानवापी परिसर का नक्शा रिपोर्ट के वॉल्यूम-चार के पेज नंबर 207 में प्रस्तुत किया गया है जिसके मुताबिक, पहली दफा ज्ञानवापी परिसर के मलबे को साफ करके वैज्ञानिक पद्धति और अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से नक्शा तैयार किया गया जो कि पहले दफा ऐसा हुआ है.
रिपोर्ट में ज्ञानवापी की मौजूदा संरचना में हर एक जगह की वास्तविक स्थिति बताई गई है, जैसे-
केंद्रीय हॉल, उत्तरी हॉल
दक्षिणी हॉल, पूर्वी-पश्चिमी
उत्तरी-दक्षिणी गलियारे
इसी से सटे कमरों की लंबाई चौड़ाई की सर्वे में लगे पुरातत्वविदों की माने तो हम दावे के साथ यह कह सकते हैं कि पहली बार इतिहास में ज्ञानवापी का प्रामाणिक नक्शा एएसआई ने तैयार किया है.
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