वाराणसी: घोसी लोकसभा सीट से बसपा सांसद अतुल राय को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने वाराणसी में दर्ज गैंगस्टर मामले में अतुल राय को जमानत दी है. हालांकि, वह जेल से बाहर आ पाएंगे या नहीं? यह अभी स्पष्ट नहीं है. हाईकोर्ट में जस्टिस राजवीर सिंह की पीठ ने मंगलवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला किया. इससे पहले, इसी साल मार्च में इस केस में कोर्ट ने अतुल राय की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने गैंगस्टर मामले में आरोपित घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था.


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गंभीर धाराओं में थे मुकदमे दर्ज
अतुल राय पर 2019 को वाराणसी के लंका थाने में रेप सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज हुआ था. नतीजतन, 22 जून 2019 को वाराणसी की कोर्ट में सरेंडर कर जेल जाना पड़ा. हालांकि, अतुल अब इस मुकदमे से बरी हो चुके हैं. यानी करीब 4 साल से वह जेल में बंद थे. फिलहाल, वह प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.


अतुल राय ने बसपा-सपा उम्मीदवार के तौर पर 2019 के लोकसभा चुनाव में घोसी सीट से जीत दर्ज की थी. अतुल राय के खिलाफ वाराणसी के लंका थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज था. कुछ दिन चौकाघाट जिला जेल में रहने के बाद उसे प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया था. कभी मुख्तार के करीबी रहे हैं अतुल राय गाजीपुर के भांवरकोल थाना के बीरपुर गांव के मूल निवासी अतुल राय वाराणसी के मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं. अतुल के खिलाफ साल 2009 से लेकर अब तक 27 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. वाराणसी में BSP की पढ़ाई के दौरान अतुल का झुकाव पूर्व विधायक माफिया मुख्तार अंसारी की ओर बढ़ता चला गया.


2019 के लोकसभा चुनाव में घोसी से मुख्तार अपने बेटे अब्बास को बसपा का प्रत्याशी बनाना चाहते थे. मगर, अतुल ने मुख्तार को चित करते हुए 14 अप्रैल 2019 को बसपा का टिकट हासिल कर लिया था.


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