Varanasi News: प्रयागराज के महाकुंभ मेले में शामिल होने के बाद श्रद्धालु काशी और अयोध्या का रुख कर रहे हैं. सबसे ज्यादा भीड़ का असर काशी में दिख रहा है. काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा घाटों और प्रमुख धार्मिक स्थलों पर जनसैलाब इतना बढ़ गया है कि हर ओर भीड़ का नजारा देखने को मिल रहा है. हालात ऐसे हैं कि शहर में जाम की स्थिति बन गई है. मौनी अमावस्या पर वाराणसी में और भीड़ बढ़ेगी. सोमवार को 15 लाख श्रद्धालुओं के आने से शहर में चारों ओर भीषण जाम लगा रहा. पैदल चलना भी मुश्किल रहा.  भीड़ प्रबंधन और जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए रूट डायवर्जन लागू किया गया है.


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श्रद्धालुओं का जनसैलाब 
विश्वनाथ धाम और गंगा घाट जाने वाले रास्ते पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. गलियां भी चोक हो गई हैं. गंगा तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के आंगन तक चार किलोमीटर लंबी अटूट कतार लगी रही. श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में चार से पांच घंटे का समय लग गया. यही हाल काशी के कोतवाल कालभैरव मंदिर जाने वाले रास्तों का भी रहा. दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर 22 घंटे तक खुला. रात 1 बजे बंद कपाट 2.45 बजे खुले. क्राउड-कंट्रोलिंग को डीएम-सीपी समेत 100 अधिकारी सड़क पर उतरे.


जाम की समस्या से निजात
लंका क्षेत्र में पुलिस ने कई सड़कों को वन-वे कर दिया है, ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सके. पुलिस लगातार गश्त कर रही है और प्रमुख चौराहों पर तैनात है. पुलिस अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए जाम को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह सक्रिय है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंका चौराहे, बीएचयू, सामने घाट और भगवानपुर से आने वाले वाहनों को नरिया और अन्य वैकल्पिक मार्गों की ओर मोड़ा गया है. सुंदरपुर और नरिया से आने वाले वाहनों को बीएचयू के अंदर और सामने घाट की तरफ डायवर्ट किया गया है.


श्रद्धालु न सिर्फ धार्मिक स्थलों पर जा रहे हैं बल्कि काशी की प्रसिद्ध मिठाइयों और स्थानीय व्यंजनों का भी स्वाद ले रहे हैं. यहां की मशहूर चीजें जैसे कचौड़ी, चाट, और ठंडई का आनंद लेते हुए श्रद्धालु काशी की संस्कृति में पूरी तरह डूबते दिख रहे हैं.


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