वाराणसी: ज्ञानवापी के व्‍यासजी तहखाने में पूजा की अनुमति मिलने के बाद मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आरोप लगाया कि उन्‍हें जिरह का मौका नहीं दिया गया. तहखाने में हिन्‍दू पक्ष को पूजा की अनुमति दे दी गई. यह इंसाफ के उसूलों के खिलाफ है. इसके बाद वाराणसी में संतों ने भी बैठक की. बैठक में संतों ने ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने की चेतावनी दी. संतों ने कहा कि अगर उन्‍हें ज्ञानवापी परिसर नहीं दिया गया तो वह अपने तरीक से ले लेंगे.


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दरअसल, शुक्रवार को ज्ञानवापी मामले को लेकर दोपहर में संत समाज की बैठक बुलाई गई थी. यह बैठक जिले के खोजवा, भेलुपुर स्थित डॉ. राम कमल वेदांती महाराज के निवास स्थल पर हुई. इसमें अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, डॉ. रामकवल वेदांती महाराज, बालक दास समेत करीब 250 संत मौजूद रहे. इस दौरान संतों ने AIMPLB के बयानों पर आपत्ति जताई. उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में बाहर से नमाजियों को बुलाकर नमाज पढ़ाने का आरोप लगाया है. संत समिति ने बयान देते हुए कहा कि ज्ञानवापी के पूरे परिसर को हिंदुओं को सौंप दें वरना हम अपने तरीके से ज्ञानवापी लेंगे. 


"अराजकता फैलाई, तो मुंहतोड़ जवाब मिलेगा": स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह देश संविधान से चलेगा, शरिया से नहीं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड हिंदुओं और संविधान को बंधक बनाने और न्यायपालिका को धमकी देने के अपने पुराने रवैये से बाज आए. यह सब काम 2014 से पहले चलते थे, कोर्ट उनकी सुनती थी, सरकार भी मनमानी करती थी. उन्होंने मुस्लिम पक्ष के दावों पर कहा कि मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड सबको लेकर ज्ञानवापी आए. उन्हें पता चल जाएगा कि यहां सच क्या है? औरंगजेब के पापों और करतूत की निशानियां चीख-चीखकर कह रही हैं कि कैसे आदि विश्वेश्वर देव के महामंदिर को तोड़ा गया है. हिंदू समाज अब यह स्वीकार नहीं करेगा. इसलिए कोर्ट को धमकी मत दीजिए. अगर आपके पास सबूत है, तो कोर्ट में पेश करिए. हम सड़क पर उतर कर विद्रोह नहीं करेंगे, हमें जो कुछ कहना होगा हम कोर्ट में कहेंगे. संविधान के दायरे में रहकर बात करेंगे. उन्होंने मुस्लिम पक्ष को चेताते हुए कहा कि अगर अराजकता मचाने की कोशिश की, तो मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. यह बात ध्यान रखिएगा. 


स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने त्यागा अन्न 
गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने अन्न त्याग का ऐलान किया था. उन्होंने संकल्प लिया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर जब तक हिंदुओं को नहीं मिलेगा तब तक त्याग रहेगा. स्वामी रोज केवल सवा लीटर दूध का सेवन करेंगे.


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