UP news: आज के समय में शरीर पर टैटू बनवाने का ट्रेंड चल रहा है. प्रदेश के युवा फैशन के चक्कर में अपने शरीर पर तरह तरह के टैटू बनवा रहे है. लेकिन वो इस बात से बिल्कुल अनजान है  कि ये स्वास्थ के लिए कितने हानिकारक है. आजमगढ़, मिर्जापुर और वाराणसी मंडल के दस जिलों में 26,890 एचआईवी संक्रमित हैं. इनमें 50 फीसदी की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है. 40 लोग ऐसे मिले हैं, जो टैटू बनवाने के बाद संक्रमित हो गए.


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आपको बता दें कि पूर्वांचल में 10 जिले ऐसे है जिनमें 26 हजार से ज्यादा एचआईवी संक्रमित पाए गए है. इनमें से कई ऐसे है जौ शरीर पर  टैटू बनवाने की वजह से संक्रमित हुए है.  वाराणसी में 26, आजमगढ़ में 12, सोनभद्र और मऊ में एक-एक लोग टैटू बनवाकर संक्रमित हो गए हैं. एचआईवी संक्रमण के मामले में आजमगढ़ जिला पहले पायदान है. एआरटी सेंटर में सबसे ज्यादा संक्रमित पंजीकृत हैं. मऊ और सोनभद्र में एक-एक लोग संक्रमित मिले हैं. 


बताते चलें कि डॉक्टरों ने इस बात का खुलासा किया है कि टैटू बनवाते समय रद्दी किस्म की या बेकार सुई का उपयोग किया जाता है जिससे ये बीमारी फैलती है. चिकित्सकों के मुताबिक टैटू बनाने वाली सुई की कीमत लगभग 1200 रूपये होती है, लेकिन चौक-चौराहो पर मात्र 150- 200 रूपए में टैटू बनाए जाते है. इसका मतलब है कि सेहत के साथ सीधा खिलवाड़ किया जा रहा. एक सुई का बार-बार इस्तेमाल भी संक्रमण की बड़ी वजह है.


एचआईवी संक्रमण की बड़ी वजहों में से एक टैटू बनवाना भी है.  टैटू बनवाने के शौक में कई युवा इस बीमारी का शिकार हुए है.  स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर जिले में चल रहे  एआरटी सेंटरों में एचआईवी संक्रमितों का पंजीकरण होता है, फिर जरूरी जांच और इलाज की व्यवस्था की जाती है. दस जिले के एआरटी सेंटर की पड़ताल से पता चला कि संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. 


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