मिर्जापुर/राजेश मिश्र: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर मंडलीय अस्पताल में बीजेपी विधायक रत्नाकर मिश्र (BJP MLA Ratnakar Mishra) ने एक बुजुर्ग मरीज को भर्ती न करने को लेकर डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई. इस दौरान उन्होंने मौके से ही डिप्टी सीएम को फोन कर दिया. तब जाकर कहीं मरीज के लिए बेड की व्यवस्था हो पाई. 


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क्या है पूरा मामला? 
दरअसल, नगर के संकट मोचन मोहल्ला निवासी गुलाब चंद्र जायसवाल को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. आनन-फानन में परिजन उन्हें लेकर मंडलीय अस्पताल पहुंचे. यहां इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने कहा कि यहां वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है. ऐसे में मरीज को बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की सलाह दी. इस बात की जानकारी परिवार के ही किसी सदस्य ने विधायक को दे दी. जिसके बाद विधायक ने डाक्टर से बात कराने को कहा. विधायक रत्नाकर मिश्रा के मुताबिक, नेटवर्क न होने से बात समझ में नहीं आ रही थी. लिहाजा उन्हें विंध्याचल से आना पड़ा. 


डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को लगाया फोन 
नगर विधायक पं. रत्नाकर मिश्र रविवार की रात करीब 9 बजे मंडलीय अस्पताल पहुंचे. उन्होंने आते ही चिकित्सा व्यवस्था पर जमकर आक्रोश निकाला. विधायक के पहुंचने पर हंगामा खड़ा हो गया. इमरजेंसी मे तैनात चिकित्साधिकारी सफाई देने लगे. इस पर रत्नाकर मिश्र ने कहा कि मेरे बात करने के दौरान कह रहे थे कि आवाज नहीं आ रही है. मरीज को बाहर ले जाएं. यहां भर्ती नहीं करेंगे. उन्होंने कहा,"मैंने कहा था न कि हम आ रहे हैं ऐसी की तैसी करने." इसके बाद आक्रोशित विधायक ने तुरंत डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को फोन लगाकर फार्मासिस्ट को बात करने के लिए पकड़ा दिया. लिहाजा वह सर, सर की रट लगाए रहा. डिप्टी सीएम से बात करने के बाद 75 वर्षीय बुजुर्ग मरीज को अस्पताल में बेड मिल सका. 


विधायक ने लगाई फटकार
विधायक ने फटकारते हुए कहा कि आदत सुधार लीजिये. यह सब नहीं चलेगा. मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश है कि किसी मरीज को असुविधा न हो. नगर विधायक ने बताया कि अस्पताल आने पर यहां की व्यवस्था देखी. मरीज के लिए बेड की व्यवस्था की गई. अस्पताल में बेड फुल हो गया है. हमारा प्रयास है कि यहां के मरीज को बाहर न जाना पड़े. इसके लिए यहां थोड़ी और व्यवस्था होनी चाहिए.