Varanasi News: धर्मनगरी काशी में देवउठनी एकादशी के अवसर पर स्नान और दान की प्राचीन परंपरा का  निर्वहन गया. श्रद्धालु आज सुबह से ही गंगा में स्नान कर पुण्य के भागी बन रहे हैं. काशी के दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं का भीड़ लगा हुआ है. पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालु ब्राह्मणों और भिक्षुकों में चावल, दाल और अन्य सामग्रियों का दान कर रहे हैं. 


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शालिग्राम और तुलसी की पूजा एकादशी पर 
महिलाओं ने भी इस विशेष अवसर पर तुलसी विवाह का पूजन कर पुण्य अर्जित किया. मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन शालिग्राम पत्थर और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी की पूजा करते हुए श्रद्धालु उनके प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन करते हैं. इसके बाद ही सभी मांगलिक कार्य, जैसे विवाह और अन्य शुभ कार्यक्रम, प्रारंभ हो जाते हैं.


पुरोहित शिव प्रसाद देवउठनी एकादशी का पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. आज के दिन गंगा में स्नान और तुलसी विवाह के माध्यम से लोग भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करते हैं. 


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