Varanasi News: धर्मनगरी वाराणसी में इस दीपावली एक अद्वितीय सांस्कृतिक एकता का संदेश देखने को मिला. जब मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की महाआरती कर "गंगा-जमुनी तहजीब" की अनूठी मिसाल पेश की. वाराणसी के लमही स्थित सुभाष भवन में विशेष रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में इन महिलाओं ने आरती की थाली में दीप, रोली, अक्षत और मिठाई सजाकर श्रीराम की महाआरती की. पांच सौ वर्षों के लंबे इंतजार के बाद मुस्लिम महिलाओं ने दीप प्रज्वलित कर इस अद्भुत त्योहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया.


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उर्दू में लिखी राम आरती का गायन 
इस अवसर पर इन महिलाओं ने न केवल भगवान श्रीराम की प्रतिमा को पुष्पों से सजाया बल्कि अपने हाथों से रंगोली भी बनाई और उर्दू में लिखी राम आरती का गायन किया. जलते हुए दियों से आरती करते हुए यह संदेश दिया गया कि राम के नाम का दीप ही समाज में फैली नफरत के अंधकार को दूर कर सकता है. जब 14 वर्षों के वनवास के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे थे. तब अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. उसी भावना को फिर से जीवंत करते हुए मुस्लिम महिलाओं ने सांप्रदायिक सौहार्द्र की इस परंपरा को आगे बढ़ाया.
मुस्लिम महिलाओं द्वारा दिया गया यह संदेश, जो हिन्दू और मुसलमानों के बीच आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ाने का कार्य करता है. सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.


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