Varanasi-Kolkata Expressway: बनारस-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण नवंबर के महीने में शुरू हो जाएगा है. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण हो जाने से बनारस से कोलकाता का सफर आसान हो जाएगा. इसके निर्माण के लिए एनकेएस प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव और पीएनसी इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड आगरा को निर्माण एजेंसी नियुक्त किया गया है. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तीन जिलों के 89 गांवों में करीब 338 करोड़ रुपये से जमीन अधिग्रहण किया गया है. दोनों कंपनियों से अनुबंध प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. अब बस काम शुरु होने की देर है. 


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सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया है.बजट स्वीकृत से लेकर भूमि अधिग्रहण का काम भी पूरा कर लिया गया है. इस प्रोजेक्ट को लगभग दो साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.  निर्माण एजेंसियों को चंदौली, कैमूर और रोहतास में 90 किलोमीटर सिक्स लेन कार्य करना होगा. चार बड़े व 28 छोटे पुल बनाए जाएंगे. छह फ्लाईओवर, 44 अंडरपास व माइनर ब्रिज, छह इंटरचेंज और तीन टोल प्लाजा बनाने के लिए स्थान चिह्नित किया गया है. तीन पैकेज में करीब 2998 करोड़ लागत से परियोजना दो वर्ष में पूरी करनी होगी. चंदौली के रेवासा गांव से प्रोजेक्ट शुरू होगा, जो रोहतास के कोनकी गांव में खत्म होगा. 


एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से गुजरेगा। कुल परियोजना 610 किलोमीटर लंबी होगी. इस एक्सप्रेसवे पर वाहनो की औसत रफ्तार सौ किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी. 
लगभग छह घंटे में बनारस से कोलकाता की दूरी तय होगी. कैमूर में पांच किलोमीटर लंबा टनल भी इस प्रोजेक्ट में शामिल है. एक्सप्रेसवे से ट्रैफिक में कमी आएगी। अलग-अलग शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा, इससे उन शहरों में कनेक्टिविटी में सुधार होगा जिससे होकर यह गुजरेगा


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