विवेक श्रीवास्तव, रायबरेलीः कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की जेल के भीतर हुई हत्या के बाद भी प्रदेश का जेल प्रशासन जेलों की सुरक्षा को लेकर काम चलाऊ रवैया अपनाए है. प्रदेश सरकार बढ़ते हुए अपराध पर लगाम लगाने के लिए अपराधियों का एनकाउंटर कर उनके मन में भय पैदा करने का दावा कर रही लेकिन अपराधियों ने प्रदेश की जेलों को ही अपनी अपनी पनाहगाह बना लिया है. सरकार अपनी जेलों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए लगातार जिला अधिकारी जिला जज के निगरानी में लगातार निरीक्षण करवाती है लेकिन उसके बाद भी अपराधी जेलों में अपने गैंग चला रहे हैं. जेलों में बंद कुख्यात अपराधी जेल प्रशासन की मिलीभगत से और अधिकारियों की जेबें गर्म कर जेलों से अपनी गैंग चला रहे हैं बल्कि जेल ही सारी सुख सुविधाएं का लाभ उठा रहे हैं . 


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ताजा मामला रायबरेली जिला जेल का है जहां बैरक नंबर 10 में बंद पांच कुख्यात अपराधी जिला जेल में असलहे और कारतूस की मौजूदगी में चखना और शराब की पार्टी करने और मोबाइल से धमकाने का वायरल वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में मनमानी शराब और पैसे मंगवाने वाला शख्स अंशु दीक्षित है जिस पर सीतापुर, लखीमपुर, लखनऊ, हरदोई, प्रतापगढ़, इलाहाबाद में लूट, हत्या और सुपारी किलिंग जैसे तमाम वारदातों को अंजाम देने का आरोप है.



लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की हत्या के मामले में अंशु दीक्षित का नाम सामने आया था. इस वीडियो में अंशु दीक्षित के साथ अजीत चौबे, सिंगार सिंह, सोहराब और निखिल सोनकर नजर आ रहे हैं . यह सभी अपराधी बैरक नंबर 10 बिना किसी भय के साथ शराब और चखने के साथ पार्टी कर रहे हैं. रायबरेली जिला जेल प्रशासन की मिलीभगत से इन अपराधियों को जिला जेल में मनमाना खाना शराब और उसके साथ चखना भी मिल रहा है. अपराधी जेल में सिगरेट का धुआं उड़ाते हुए सरकारी मशीनरी को आईना दिखा रहे है. 



सरकार और जिला प्रशासन जिला जेल की सुरक्षा के चाहे जितने दावे करे लेकिन रायबरेली जिला जेल में बंद अपराधियों के लिए जेल मैनुअल कोई मायने नहीं रखता. जेल में बंद अपराधी फोन पर अपने साथी को ₹10000 हजार रुपये में से ₹5000 डिप्टी जेलर को देने की बात कह रहे हैं. ऐसे में यह तो तय है की कुख्यात अपराधियों के लिए जेल प्रशासन रुपए लेकर सारी सुविधाएं मुहैया करवाता है जिसका जीता जागता सबूत यह वीडियो है. वीडियो सामने आने के बाद जेल प्रशासन ने अपनी गर्दन बचाने के लिए शहर कोतवाली में एक तहरीर दी जिसमे चार मोबाइल और एक सिम मिलने की बात कही गई . 


जेल प्रशासन की नियत पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि उसने तहरीर में 4 लोगों के नाम दिए जबकि वीडियो में 5 लोग नजर आ रहे हैं जेल प्रशासन ने बैरक में कारतूस और पिस्टल को तहरीर में जिक्र नहीं किया फिलहाल मामले में जेल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं .डीएम का कहना है कि वीडियो सामने आने के बाद कप्तान और मैंने जेल में छापा मारा है.