Azadi Ka Amrit Mahotsav: असम में भी जन्मी `लक्ष्मीबाई` जिंहोने तिरंगे के सम्मान में अपनी छाती पर खाई अंग्रेजों की गोली

Sun, 14 Aug 2022-1:15 pm,

Azadi Ka Amrit Mahotsav:भारत से अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे को हटाना इतना आसान नहीं था. एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों क्रान्तिकारियों ने इस आजादी के लिए अपनी जान दे दी. लेकिन विडंबना है कि बहुत कम ही लोग देश के उन क्रांतिकारियों के बारे में जान पाते है जिंहोने भारत को आजाद कराने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी. ऐसे ही क्रांतिकारियों में से एक हैं कनकलता बरुआ, जिन्होंने अंग्रेजी सेना के चेतावनी के बाद भी तिरंगे झंडे के सम्मान में लड़ाई लड़ी और सीने पर गोली खा कर शहीद हो गई. आजादी के 75 साल की 75 कहानियों के आज के इस अंक में इन्हीं वीरांगना का की वीरगाथा आपको सुनाएंगे....

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