हाथ गंवाने पर भी नहीं मानी जिंदगी से हार, आज कंधे से बैट दबाकर चौके-छक्के लगाते हैं आमिर, पैरों से करते हैं गेंदबाजी
Jammu- Kashmir News: कुछ लोगों को शिकायत होती है कि मैं ऐसा होता या मुझे वो सुविधा मिल जाती तो मैं जिंदगी में कुछ कर गुजरता. लेकिन ऐसा सोचना काफी हद तक गलत है. आमिर हुसैन 8 साल की उम्र में जब पिता के साथ उनके मील में गए थे तो एक दुर्घटना का शिकार होकर अपने दोनों हाथ गंवा बैठे. लेकिन आमिर ने हार नहीं मानी. दिव्यांग होने पर भी आमिर ने अपने आपको कभी किसी से कम नहीं समझा. आमिर ने क्रिकेट को ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया. आमिर अपने दोनों पैरों से बॉलिंग करते हैं और गर्दन और कंधे से बैट दबाकर खूब शॉट लगाते हैं. 34 साल के आमिर की पहचान आज जम्मू-कश्मीर पैरा क्रिकेट टीम के कैप्टन के रूप में है.