Azadi Ka Amrit Mahotsav: `बूढ़ी गांधी` जिन्होंने हाथ और माथे पर खाई गोली, लेकिन गिरने ना दिया तिरंगा

Sat, 13 Aug 2022-6:57 am,

Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारत से अंग्रेजी हुकूमत के कब्जे को हटाना इतना आसान नहीं था. एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों क्रान्तिकारियों ने इस आजादी के लिए अपनी जान दे दी. लेकिन विडंबना है कि बहुत कम ही लोग देश के उन क्रांतिकारियों के बारे में जान पाते है जिंहोने भारत को आजाद कराने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी.. ऐसे ही क्रांतिकारियों में से एक हैं मातंगिनी हजारा. 'बूढ़ी गांधी' के नाम से मशहूर इस क्रांतिकारी ने अंग्रेजी हुकूमत की बंदूक की गोलियां खाने के बाद भी अपने तिरंगे को जमीन पर गिरने नहीं दिया. आजादी के 75 साल की 75 कहानियों के आज के इस अंक में सुनिए इनकी कहानी....

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