लखनऊ:  समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक और पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय (Manoj Kumar Pandey) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. शासन के आदेश पर उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति की शिकायतों की खुली जांच शुरू कर दी गई है. गोपनीय जांच में शिकायतें प्रथमदृष्ट्या सही पाए जाने के बाद खुली जांच के आदेश दिए गए हैं.


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अवैध ढंग से जमीन हथियाने का आरोप
सूत्रों की मानें तो मनोज पांडेय पर अपने इलाके के दलित परिवार की जमीन अवैध ढंग से हथियाने का भी आरोप है. शिकायतें मिलने पर शासन ने विजिलेंस के माध्यम से पहले गोपनीय जांच कराई जांच में आरोप प्रथमदृष्ट्या आरोप सही पाए गए. जांच रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद शासन ने विजिलेंस को मनोज पांडेय के विरुद्ध खुली जांच करने का आदेश दे दिया है. विजिलेंस अब शिकायतों से संबंधित साक्ष्य जुटाने के साथ ही मनोज पांडेय से पूछताछ भी कर सकती है. 


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सपा कैबिनेट में मंत्री थे मनोज 
खुली जांच में दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है. रायबरेली जिले की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय सपा सरकार (Sp Government) में कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) थे. जांच के रडार पर आने वाले वो सपा के तीसरे पूर्व मंत्री हैं. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां (Azam Khan) के विरुद्ध एसआईटी और गायत्री प्रजापित के खिलाफ विजिलेंस की जांच चल रही है.


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