लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी के माध्यम से उन्होंने कहा है कि पिछले चार सालों में जो काम हुआ है वह आपकी जिम्मेदारी थी, जिसे आपने बखूबी निभाया है. विकास कोई मुद्दा नहीं होता है. आगे वे लिखते हैं कि श्री राम मंदिर निर्माण देश में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि इस मुद्दे से देश के 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है. पिछले सात दशकों में कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों की वजह से 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था अदालतों के दरवाजों पर खड़ी है. नफरतों का बाजार गर्म है. मुस्लिम भी दहशत में हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हालात देखकर ऐसा लगता है कि किसी भी वक्त बड़ा फसाद हो सकता है. इस फसाद को करवाने के लिए पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वसीम रिजवी ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा ही सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे विकास की आड़ में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड इस मामले में हल चाहता है. शिया वक्फ बोर्ड और हिंदू पक्षकारों के बीच एक समझौता प्रस्ताव भी है. उस प्रस्ताव के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो और लखनऊ में मस्जिद का निर्माण होनी चाहिए.




देश में चुनावी माहौल गर्म होना शुरू हो गया है. कट्टरपंथी मुसलमानों की हिमायती सियासी पार्टियां आपकी हुकूमत के खिलाफ एकजुट होना शुरू हो गई हैं. राम मंदिर निर्माण का शांति पूर्वक और निष्पक्ष हल राष्ट्र हित में सिर्फ आपकी हुकूमत के दौरान हो सकता है. ऐसा करोड़ों हिंदुस्तानियों का मानना है. अब वह वक्त आ गया है कि देश एकबार फिर तय करे कि राम मंदिर चाहिए या तालिबान. वसीम रिजवी ने पीएम मोदी से मुलाकात के लिए वक्त भी मांगा है.