प्यार की निशानी की बात आती है तो सबसे पहले आगरा के ताजमहल की याद आती है. ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शुमार है. इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग आगरा आते हैं. अगर आप भी इन गर्मियों की छुट्टी में आगरा का ताजमहल देखने का प्लान बना रहे हैं तो आइये जानते हैं ताजमहल के अलावा कहां-कहां घूम सकते हैं.
आगरा के ताजमहल को 1553 में मुगल बादशाह शाहजंहा ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया था. ताजमहल के अंदर शाहजहां और मुमताज महल की कब्र बनी हुई है. ऐतिहासिक इमारत का नाम बेगम मुमताज महल के नाम पर ही ताजमहल नाम रखा गया. ताजमहल के बगल से ही यमुना नदी बहती है जो हवा के झोके से शीतलता का अनुभव करती है.
ताजमहल के अलावा आगरा का किला भी घूम सकते हैं. आगरा का किला लगभग 350 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है. मुगल बादशाह अकबर ने इस किले का निर्माण करवाया था. इस किले के अंदर मस्जिद, बंगाली महल, शीश महल, दीवाने-ए-ख़ास, जहांगीर का स्नान कुंड भी है.
फतेहपुर सीकरी को मुगल बादशाह सम्राट अकबर ने 1571 में बसाया था. मुगल बादशाह अकबर ने 1571 से 1585 तक फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बनाया था. फतेहपुर सीकरी आगरा से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
अकबर का मकबरा आगरा से 16 किलामीटर दूर सिकंदरा में स्थित है. इसका निर्माण बादशाह अकबर ने करवाया था. मकबरे को बनाने में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है. यह मक़बरा लगभग सभी धर्मो की कला का मिश्रण है.
इतमाद उद दौला का मकबरा साम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता की याद में आगरा में यमुना नदी के तट पर बनवाया था. इतमाद उद दौला नूरजहां के पिता की उपाधि थी. मकबरे का निमार्ण 1626 से 1628 तक किया गया.
मेहताब बाग यमुना नदी में स्थित ताजमहल के विपरीत दुसरे किनारे पर 25 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है. मेहताब बाग कपल्स के लिए बहुत ही सुंदर जगह है. मेहताब बाग आने वाले पर्यटक यहां के शांत वातावरण में आराम कर सकते हैं और फूलों के बीच फ़ोटो शूट भी कर सकते हैं.
डॉल्फिन वाटरपार्क आगरा का सबसे प्रसिद्ध वाटरपार्क है. इसमें मनोरंजन के कई संसाधन हैं. पानी में मनोरंजन करते हुए जिसमे वाटरस्लाइड भी कर सकते हैं. पानी में भीगते हुए रेन डांस भी कर सकते हैं.
आगरा की जामा मस्जिद को शाहजहां की पुत्री शाहजा़दी जहांआरा बेगम को समर्पित है. इसका निर्माण 1648 में शाहजहां की पुत्री जहांआरा बेगम ने करवाया था. यह अपने मीनार रहित ढांचे तथा विषेश प्रकार के गुंबद के लिए फेमस है.
मरियम उज-जमानी आमेर के कछवाहा राजा भारमल की बेटी थीं. आगरा में मथुरा मार्ग पर ये स्मारक है. यहां अब आनलाइन टिकट की व्यवस्था की गई है. सिकंदरा में अकबर के मकबरे से चंद कदमों की दूरी पर ये मकबरा बना है.
मुगल काल में अंगूर की बेल बाग में लगी हुई थीं जिसके चलते इसका नाम अंगूरी बाग पड़ा. यहां रेड सैंड स्टोन की बनी हुई जालियां लगी हुई थीं. अंगूर की बेल कश्मीर से मंगाई गई मिट्टी में लगवाई थी. जहांगीर आगरा किला समय बिताता था.