क्या आप किसी ऐसी मस्जिद के बार में जानते हैं जहां पर करीब 500 से 600 किलो सोना लगा हुआ है, और वो भी एकदम खालिस सोना.
हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ की जामा मस्जिद के बारे में. ये यूपी के तालानगरी के नाम से मशहूर अलीगढ़ जिले में.ये मस्जिद अलीगढ़ के ऊपर कोट में स्थित है.
ऊपर कोट में बनी इस मस्जिद में इतना सोना लगा है कि ये भारत ही नहीं एशिया में सबसे ज्यादा सोना होने के कारण मशहूर है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मस्जिद में करीब 5000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं.
इस मस्जिद को बनाने के लिए करीब चार साल का समय लगा. इसका निर्माण कोल के गवर्नर साबित खान ने शुरू कराया था.
जामा मस्जिद को अवधी और मुगलकालीन वास्तुकाल में बनाया गया. अलीगढ़ की ये मस्जिद अवधी और मुगलकालीन वास्तुकला का अनूठा संगम है.
जामा मस्जिद का निर्माण मुगलकाल में 1728 में मुहम्मद शाह के शासनकाल में हुआ था.
जामा मस्जिद के 17 गुंबदों को ठोस सोने से बनाया गया है. इस मस्जिद में लगभग 5 से 6 क्विंटल सोना लगा हुआ है
जामा मस्जिद कमेटी सदस्य की मानें तो इस मस्जिद में करीब 600 किलो शुद्ध सोने का इसतेमाल किया गया है.
इस जामा मस्जिद में अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के गदर में शहीद हुए 72 उलेमाओं की कब्रें हैं. इसे गंज-ए-शहीदान यानी शहीदों की बस्ती कहते हैं.
यह अलीगढ़ की एक ऐसी इकलौती मस्जिद है जब पूरा अलीगढ़ डूब जाएगा तब कहीं जाकर इस मस्जिद की सीढ़ियों तक पानी पहुंचेगा.
स्पष्ट कर दें कि यहां पर कुछ फोटो AI द्वारा निर्मित महज काल्पनिक फोटो हैं, जिनको बॉट ने कमांड के आधार पर तैयार किया है.