यूपी की वो 140 साल पुरानी यूनिवर्सिटी, जिसने 3 पीएम, दो राष्ट्रपति और छह मुख्यमंत्री देश को दिए

May 10, 2024

140 साल का इतिहास

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 23 सितंबर 1887 को हुई थी. यह भारत का चौथा सबसे पुराना और उत्तर भारत का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय था. इसे पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा गया.

दो राष्ट्रपति दिए

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने देश को 2 राष्ट्रपति दिए. डॉ.शंकर दयाल शर्मा और जाकिर हुसैन यही पढ़े थे. 3 प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा, विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रशेखर भी यहीं से पढ़कर निकले थे.

छह मुख्यमंत्री दिए

यहां से 6 मुख्यमंत्रियों ने पढ़ाई की है. इनमें उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी, मदन लाल खुराना, विजय बहुगुणा और अर्जुन सिंह शामिल हैं.

कई साहित्यकार दिए

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से कई कवि-साहित्यकार निकले. इनमें महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, फिराक गोरखपुरी, भगवती चरण वर्मा, कमलेश्वर और सुमित्रा नंदन पंत शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू भी यहीं से पढ़े थे.

इलाहाबाद में आंदोलन

इलाहाबाद में लाला गया प्रसाद, बाबू प्यारे मोहन बनर्जी, मौलवी फरीदुद्दीन, मौलवी हैदर हुसैन, राय रामेश्वर चौधरी जैसे शिक्षाविदों ने आंदोलन चलाया और तब के समय 16 हज़ार इकट्ठा किए.विश्वविद्यालय निर्माण के लिए 1869 में स्थान का चयन किया गया.

पहले सेंट्रल कॉलेज का आइडिया

महाविद्यालय बनने तक दरभंगा कैसेल को 3 वर्ष के लिए किराये पर लिया गया. ब्रिटिश सरकार की मंजूरी के साथ महाविद्यालय का नाम सर विलियम म्योर के नाम पर जुलाई 1872 में म्योर सेंट्रल कॉलेज प्रारंभ हुआ.

पहले म्योर कॉलेज

म्योर कॉलेज की नींव 9 दिसंबर 1873 को रखी गई. 12 साल बाद 8 अप्रैल 1886 को वायसराय लार्ड डफरिन ने इसका उद्घाटन किया. संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर सर विलियम म्योर के नाम पर इसे बनवाया गया था.

केंद्रीय विश्वविद्यालय कब बना

केंद्रीय विश्वविद्यालय के लंबे संघर्ष के बाद म्योर कॉलेज की जगह 1887 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई. विश्वविद्यालय की पहली प्रवेश परीक्षा 1889 में हुई. इसमें पूरे भारत से छात्रों ने हिस्सा लिया.

गणित और वनस्पति विज्ञान विभाग

वर्ष 1872 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय का गणित विभाग स्थापित हुआ, यह विभाग 2 मंजिला गॉथिक शैली में है. यहां दीवार से छत तक किताबें दिखती हैं. वनस्पति विज्ञान विभाग 1923 में बना. यह भारत के सबसे पुराने वनस्पति विज्ञान विभागों में से एक है

विश्वविद्यालय रोड

कर्नलगंज के समीप कटरा में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कला और विज्ञान संकाय के बीच एक गली विश्वविद्यालय रोड कहलाती है. यहां फुटपाथ पर किलो के भाव में किताबें बिकती हैं.

कला के विषयों का केंद्र

इलाहाबाद विवि इतिहास-राजनीति शास्त्र, धर्म, दर्शन शास्त्र, पुरातत्व और मानव विज्ञान जैसे कला संकाय विषयों के लिए अहम है. यहां से पढ़े हजारों छात्र आईएएस-आईपीएस जैसे अहम पदों पर बैठे हैं.

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नाम

यूपी में छह केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं. इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ, इलाहबाद विश्वविद्यालय, राजीव गांधी राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय अमेठी और रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी है.

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