द्वापर युग में महाभारत का युध्द पांड़वों और कौरवों के बीच कुरूक्षेत्र में हुआ था.
इस युध्द में दोनों तरफ से एक से बढ़कर एक परम योध्दाओं ने हिस्सा लिया था.
वहीं इस युध्द में एक अनोखा योध्दा भी था. एक ऐसा योध्दा जिसने युध्द में ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल कर सबको चौंका दिया था.
ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल करने वाले योध्दा का नाम अश्वत्थामा था. जिसने पांड़वों के समूल नाश की प्रतिज्ञा लेने के बाद ब्रह्मास्त्र चलाने का कदम उठाया था.
अश्वत्थामा का ब्रह्मास्त्र चलाने के पीछे का कारण पांड़वों द्वारा झूठ बोलकर उनके पिता और पांडवों और कौरवों के गुरू द्रोण की हत्या कर देना था.
अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र को अर्जुन के ऊपर चलाने का निर्णय लिया था. लेकिन बाद में उसका रुख अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे की तरफ कर दिया था.
अश्वत्थामा के इस कायरता पूर्ण कार्य के लिए श्रीकृष्ण ने उसको हमेशा निर्जन स्थानों पर भटकते रहने का अभिशाप दिया था.
ब्रह्मास्त्र के प्रयोग करने से इतने तेज धमाका हुआ था कि उस वक्त गर्भ में पल रहे सभी शिशुओं की मृत्यु हो गई थी.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.