सत्ता के लिए हुई खूनी जंग की कहानियां आपने इतिहास में खूब सुनी होंगी लेकिन क्या आप जानते हैं एक ऐसा भी शख्स था जिसने गद्दी के लिए अपने ही भाई को मरवा दिया था.
30 अगस्त 1659 को शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने अपने बड़े भाई दारा शिकोह की सिर कलम करवाकर हत्या कर दी थी.
शाहजहां जब बीमार पड़ा था तो सिंहासन पर उत्तराधिकार के लिए औरंगजेब और दारा शिकोह के बीच जंग हुई थी.
औरंगजेब इस युद्ध में भारी पड़ा था. जिसके बाद दारा शिकोह को मैदान छोड़कर भागना पड़ा था.
बादशाहत की लड़ाई हारने के बाद वह आगरा से दिल्ली और पंजाब से अफगानिस्तान गए लेकिन औरंगजेब ने उनको पकड़वा लिया.
कैदी बनाकर उनको सड़कों पर बेइज्जत कर घुमाया और उनको मौत के घाट उतारने का फैसला किया.
औरंगजेब ने नजर बेग को इसके लिए हुक्म दिया. जिसके बाद नजर बेग ने दारा शिकोह का सिर कलम कर दिया.
इसके बाद दारा शिकोह के कटे हुए सिर को औरंगजेब के सामने पेश किया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक वह सिर में लगे खून को धोकर सेनी (प्लेट) में पेश करने का आदेश देते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक औरंगजेब ने शाहजहां को एक खत लिखकर तोहफा भिजवाया था, जिसमें दाराशिकोह का सिर रखा था. जब शाहजहां ने इसे खोलकर देखा तो उनकी चीख निकल गई.
कटे हुए धड़ को हाथी पर रखकर दिल्ली के रास्तों पर घुमाया गया गया था. इस खौफनाक मंजर को देखकर हर किसी की रूह कांप उठी थी.
पौराणिक पात्रों की यह कहानी धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों में किए गए उल्लेख पर आधारित है. इसके काल्पनिक चित्रण का जी यूपी-यूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.