वैसे तो भारत में हर पर्व पर कोई ना कोई मिठाई खाई जाती है. लेकिन सावन के महीने में जब मिठाई की बात होती है. तो सबसे पहले नाम घेवर का ही आता है.
भारत के राजस्थान में जन्मा घेवर आज पूरे भारत में बड़े चाव के साथ खाया जाता है.
लेकिन राजस्थान के घेवर से ज्यादा प्रसिद्ध है देसी घी से बना हुआ बागपत का घेवर. यहां का घेवर इतना प्रसिद्ध है कि घेवर यहां पर पूरे साल बिकता है.
बागपत के इस देसी घी से बने स्वादिष्ट घेवर की कीमत 360 रुपये प्रति किलो है.
यूपी के इस फेमस घेवर को खाने के लिए बागपत के सराय कस्बे जाना होगा.
सबका मनपसंद घेवर कई प्रकार का होता है. इसमें सादा, फीका, मीठा, मावा, ड्राई फ्रूट्स, मलाई और छेना घेवर आदि शामिल हैं.
घेवर को परोसे जाने से पहले उसके थोड़ा कुरकुरा, थोड़ा नरम , चीनी की परत से ढकने के साथ ऊपर से मलाई या रबड़ी से सजाया जाता है.
क्योंकि मानसून के मौसम में कई लोगों को वात और पित्त की शिकायत होती है. इसकी वजह से शरीर में सूखापन के साथ एसिडिटी हो जाती है. इस कारण थकान और बेचैनी महसूस होती है.
ऐसे में घेवर शरीर में फैट बैलेंस करने के काम आता है. घी में तले होने की वजह से घेवर शरीर की ड्राईनेस को कम करता है.
इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. यहां बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे इसका Zee UPUK कोई दावा नहीं करता है.