स्मार्ट सिटी बरेली में कई ऐतिहासिक जगह बनी है, जिनका अपना अलग महत्व है. ऐसे में हम बात कर रहे हैं बरेली की एक ऐतिहासिक जगह के बारे में. इस जगह से बरेली का इतिहास जुड़ा हुआ है.
300 साल से शामत अली खान का परिवार यहां बसा हुआ है. 1857 में हुई क्रांति का प्रभाव बरेली पर भी पड़ा था. फिर कुछ ऐसा हुआ कि इसे ‘बारादरी थाना’ और चौक को ‘बारादरी चौकी’ कहा जाने लगा.
थाना बारादरी में एक विशेष अदालत लगती थी. इसके अलावा एक पुलिस चौकी बनवाने की बात की गई. जिसके बाद बारादरी परिवार ने अपनी जगह देकर वहां चौकी बनवाई.
फिर यहां की चौकी का और थाने का नाम बारादरी चौकी के नाम से जाना जाने लगा. बारादरी हाउस के नाम से आज भी बरेली में बारादरी थाने और चौकी यहां का नाम थाना बारादरी चौकी रख दिया गया.
कई साल बाद फिर से बिरादरी चौकी की जगह खंगाली गई, लेकिन बारादरी चौकी काफी दूर बनी है. वह अभी भी बारादरी चौकी के नाम से ही जानी जाती है.
शामत अली खान का परिवार आज भी उनके पोते यहां रहते हैं और बारादरी हाउस बरेली में बना हुआ है. 1857 में हुई क्रांति का प्रभाव बरेली पर भी पड़ा जिसके कारण बरेली के गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव काफी नाराज हुए.
इसके बाद यहां काफी तोड़फोड़ होनी शुरू हो गई. इसके लिए थाना बारादरी में एक अदालत लगती थी, जिसे शामतगंज के अली खान ने आयोजित कराई जाती थी. इसके अलावा एक पुलिस चौकी बनवाने की बात की गई.
जिसके बाद बारादरी परिवार ने अपनी जगह देकर वहां चौकी बनवाई. आज भी लोग किसी नाम से थाने और चौकी को पुकारते हैं. 1857 में हुई क्रांति के दौरान इस क्षेत्र में काफी तोड़फोड़ मच गई थी.
जिसके चलते बारादरी हाउस के मालिक ने शामतगंज के एरिया में बारादरी चौकी में अदालत को आयोजित हुआ करता था. जिसमें एक पुलिस चौकी बनवाने की भी मांग उठी. इस पर बारादरी परिवार ने अपने घर की जगह देकर बारादरी चौकी बनवाई.