कैंची धाम उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में नैनीताल शहर के पास स्थित एक आध्यात्मिक आश्रम है.
कैंची धाम की स्थापना बाबा नीम करोली बाबा ने की थी. जिन्हें नीब करौरी बाबा या महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है.
उन्होंने 10 सितंबर 1973 को शरीर त्यागकर महासमाधि ली थी. समाधि लेने के बाद उनके अस्थि कलश को धाम में ही स्थापित कर दिया गया.
कहते हैं महज 17 साल की उम्र में ही बाबा नीम करौली को ईश्वर को लेकर खास ज्ञान मिल गया था.
यह आश्रम हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है. यह भक्तों के लिए प्रसिद्ध जगह है.
कैंची धाम मंदिर पूरे साल खुलता है. लेकिन यहां जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच माना जाता है.
मानसून के मौसम में यानी जुलाई से अगस्त और सर्दियों में के दौरान जाने से बचना चाहिए
कैंची धाम के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन काठगोदाम है. यहां से 38 किलोमीटर दूर कैंचीधाम है. जहां जाने के लिए बस टैक्सी ले सकते हैं.
कैंची धाम जाने के लिए दिल्ली, लखनऊ समेत प्रमुख शहरों से बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं.