अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया, उसे भूलने की दुआ करो
आख़री हिचकी तेरे जाने पे आए मौत भी मैं शाइराना चाहता हूं
अभी ज़िंदा हूं लेकिन सोचता रहता हूं ख़ल्वत में कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने
अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो
अभी आए अभी जाते हो, जल्दी क्या है दम ले लो न छोड़ूंगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है
वो लोग बड़े खुशकिश्मत थे जो इश्क को काम समझते थे हम जीते जी मशरुफ रहे, कुछ इश्क किया कुछ काम किया
चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले
इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा