कौसानी से लगभग 17 किलोमीटर दूर, बैजनाथ मंदिर गोमती नदी के किनारे स्थित है. इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में कत्यूरी राजाओं ने कराया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया हुआ है.
रानीखेत कौसानी से करीब 52 किलोमीटर दूर एक सुंदर हिल स्टेशन है जो अपनी हरी-भरी घाटियों, खुले मैदानों और हिमालय के लुभावने दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है. यह परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए परफेक्ट है.
कौसानी से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रुद्रधारी वाटरफॉल तक पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर की ट्रेकिंग करनी पड़ती है. घने जंगल और हरे-भरे पहाड़ों के बीच स्थित यह झरना प्रकृति प्रेमियों को बहुत पसंद आता है.
कौसानी से 12 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था. इसमें भगवान शिव, ब्रह्मा, गणेश और लकुलेश की प्राचीन मूर्तियां स्थापित हैं. यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक शांति और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है.
यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है, यहां तक पहुंचने के लिए एक रोमांचक ट्रेक का आनंद लिया जा सकता है. मंदिर के आसपास का शांत वातावरण पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है.
यह आश्रम महात्मा गांधी के प्रवास के लिए जाना जाता है उन्होंने इसे "हिंदुस्तान का स्विट्जरलैंड" कहा था. यह स्थान शांत वातावरण में ध्यान के लिए उपयुक्त है.
कौसानी के चाय बागान घूमने का अपना अलग ही मजा है. यहां की हरी-भरी चाय की फसलें और ताजा चाय का स्वाद यात्रियों को आकर्षित करता है. चाय के शौकीनों के लिए ये परफेक्ट डेस्टिनेशन है.
कौसानी में नवंबर से फरवरी तक अच्छी खासी सर्दी रहती है. यहां का न्यूनतम तापमान -4 डिग्री और अधिकतम तापमान 23 डिग्री रहता है. इसलिए यहां रुकने के लिए गर्म कपड़े न ले जाना भूलें
यह अल्मोड़ा से मात्र 52 किलोमीटर और गाजियाबाद से लगभग 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर और रेलवे स्टेशन काठगोदाम है.
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