मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर वसा ये शहर जितना पौराणिक है उतना ही एतिहासिक भी है.
ओरछा की धरती पर महलों, मंदिरों और किलों के साथ कल-कल बहती वैतरणी नदी या बेतवा नदी के लिए भी फेमस है.
ओरछा दुनिया का एकमात्र ऐसा शहर है जहां भगवान राम को राजा माना जाता है. इस क्षेत्र के निवीसी भगवान राम को अपना राजा मानते है. इस मंदिर का सबंध अयोध्या से बताया जाता है.
सदियों बाद भी यह किला राजा छत्रसाल और उनकी बेटी मस्तानी बाई की याद दिला रहा है.
जहांगीर महल में बुंदेलखंड की वास्तुकला का प्रदर्शन आप देख सकते है. जहांगीर महल बुंदेलखंड का सबसे प्रसिध्द जगहों में से एक है
इस महल का आर्किटेक्चर देखने लायक है। महल के आस-पास परसी शांति यहां आनेवाले लोगों का मन मोह लेती है.
बेतवा नदी के किनारे कंचन घाट पर कई छतरियां बनी हुई हैं, जो बुंदेलखंड के शासकों के वैभव की निशानी हैं और यहां के इतिहास की कहानियां सुनाती हैं.
1994 में स्थापित ओरछा वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के श्रेष्ठ अभयारण्यों में से एक है, जो कि बेतवा नदी के किनारे स्थित है.
यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है लेकिन इसकी खास बात तो ये है कि इस मंदिर के भीतर देवी की कोई भी मूर्ती स्थापित नहीं है