कैसे बनती है बिना नशे वाली भांग की चटनी, सर्दियों में सेहत के लिए फायदे ही फायदे

Preeti Chauhan
Oct 12, 2023

क्या खाई है ये चटनी...

आमतौर पर हमारे घर में हरा धनिया, पुदीना, टमाटर-प्याज नारियल या कच्चे आम की चटनी बनाई जाती है. पकौड़े हो या समोसे चटनी के बिना अधूरे से लगते हैं. पर क्या आपने कभी भांग की चटनी खाई है.

उत्तराखंड की भांग की चटनी

आप चाहें कितनी ही चटनियां खा लें, लेकिन अगर आपने उत्तराखंड की भांग की चटनी नहीं खाई तो समझें आप का जायका अभी अधूरा ही है. जब भी आप उत्तराखंड जाएं तो इसका स्वाद जरूर चखें. उत्तराखंड में ये चटनी खासतौर पर बनाई जाती है. आइए जानते हैं उत्तराखंड की भांग की चटनी के बारे में..

सेहत के लिए फायदेमंद

भांग के पौधे के बीज भांग के फल की तरह नशा पैदा करने वाले नहीं होते हैं बल्कि ये सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं. भांग के बीजों में प्रोटीन, फाइबर, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है. सर्दियों में काफी लाभकारी होती है सेहत के लिए.

नशा मुक्त चटनी

उत्तराखंड में भांग की चटनी बनाई जरूर जाती है पर इसमें नशा नहीं होता है. ये चटनी परमपरागत पहाड़ी व्यंजन के स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है. होली पर इसे खासतौर पर बनाया जाता है.इसे भांग के पकौड़ों के साथ भी खाया जाता है. आइए जानते हैं कैसे बनती है भांग की चटनी.

सामग्री

चटनी बनाने के लिए चाहिए -50 ग्राम भांग के बीज, 1 से 2 हरी मिर्च, 4 छोटे चम्मच नींबू का रस, 3 छोटे चम्मच हरा , 3 छोटे चम्मच पुदीना, 1/2 छोटा चम्मच नमक, 2 से तीन साबुत लाल मिर्च और 1/2 छोटा चम्मच जीरा.

कैसे बनाई है भांग की चटनी

भांग के दानों को छानकर उन्हें किसी कड़ाही में तब तक भून लें, जब तक वो चटककर अपनी खुशबू न बिखरने लगें. फिर सिल पर बारीक पीस लें. दाने पिस जाएं तो इसे छलनी में छान कर भांग के छिलकों को बाहर निकाल लें और बाकी बचे हुए को सिल पर रख दें.

नींबू को छोड़कर अन्य सामग्री को भी सिल पर रखें और इन सबको हल्का-हल्का पानी डालते हुए महीन पीसकर पेस्ट बना लें. आप मिक्सी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. तैयार पेस्ट को किसी बरतन में निकालें. ऊपर से नींबू का रस निचोड़कर मिला लें. ध्यान रहे कि चटनी न बहुत गाढ़ी हो और ना बहुत पतली.

चटनी बनकर तैयार

भांग की स्वादिष्ट चटनी बनकर तैयार है आप इसे चावल, सलाद, आलू के गुटके,रोटी या पराठे किसी के भी साथ परोसें. गर्म तासीर वाली यह भांग की चटनी उत्तराखंड के सभी घरों में बनती है फिर चाहे वह गढ़वाल हो या कुमाऊँ. लोग फ्लेवर के लिए चीनी भी मिलाते हैं, जिससे यह हल्का खट्टे-मीठे का स्वाद देती है.

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