15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. 9 दिनों के व्रत के दौरान ज्यादातर लोग साबूदाने का इस्तेमाल करते हैं.
इस समय मार्केट में मिलावटी साबूदाना तेजी से बिक रहा है, जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है.
ऐसे में साबूदाने के सेवन से पहले उसकी पहचान करना जरूरी है कि वह असली है या नकली.
इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप मिलावटी साबूदाने की पहचान कर पाएंगे.
आप देखकर भी असली-नकली साबूदाने की पहचान कर सकते हैं. मिलावटी या नकली साबूदाना दिखने में चमकदार पॉलिश किया होता है. जबकि असली थोड़ा फीका-फीका सा नजर आता है.
असली साबूदाने को पानी में भिगोने पर कुछ ही देर में फूल जाता है. जबकि मिलावट काफी देर तक नहीं फूलता है.
असली साबूदाने को जलाने पर राख नहीं छोड़ता. वहीं, नकली साबूदाना जलाने पर गंध आएगी और धुआं निकलेगा.
साबूदाने की पहचान करने के लिए कुछ दाने को चबाकर देखें. अगर मुंह में किरकिरा सा लगे तो समझिए साबूदाना नकली या मिलावटी है.
वहीं, अगर साबूदाना दांतों में चिपकने लगे तो समझ लीजिए यह असली है. असली साबूदाने में स्टार्च होता है, जिसकी वजह से यह दांतों में चिपक जाता है.
भारत में साबूदाना टैपिओका स्टार्च से बनाया जाता है. टैपिओका स्टार्च को बनाने के लिए कसावा नाम के कंद का इस्तेमाल किया जाता है, जो दिखने में बिल्कुल शकरकंद जैसा होता है.