क्या आपको मालूम है कि उत्तर प्रदेश का ऐसा गांव है, जहां ब्राह्मणों नहीं रुक सकते हैं.
सोनभद्र जिले के मुसरधारा स्थित ब्रह्म बाबा धाम से जुड़ी है, ये जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित है.
भक्तजन यहां पूजा, यज्ञ और हवन करते हैं. मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों के कई रोगों का निवारण भी होता है.
मान्यता है कि इस क्षेत्र के राजा ने एक ब्राह्मण पुरोहित का अपमान कर दिया था. जिससे दुखी होकर उसने जान दे दी थी.
तब से इस गांव में किसी भी ब्राह्मण के ठहरने को अपशकुन माना जाता है.
मान्यता है कि अगर कोई ब्राह्मण यहां रहने की कोशिश करता है, तो उसके साथ अनिष्ट होना तय है.
एक और कहानी प्रचलित है, जिसके मुताबिक बड़हर राजमहल के पास पहाड़ी पर एक सन्यासी ब्राह्मण का आश्रम था.
जहां नियमित भगवान की पूजा होती थी. देखा गया कि राजमहल से भी ज्यादा ऊंचाई पर दीपक जल रहा है.
महारानी को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने आदेश दिया कि यह दीप महल से नीचा जले या बिल्कुल न जले.
पुरोहित ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद महारानी ने आदेश दिया कि उस आश्रम को ध्वस्त कर दिया जाए.
जब सैनिकों ने आश्रम तोड़ने की कोशिश की तो नाराज ब्राह्मण आश्रम छोड़कर खुले आसमान के नीचे अनशन पर बैठ गए.
यहीं उनका निधन हो गया. यहां पिंड उत्पन्न हुआ, जिसकी ब्रह्म बाबा के रूप में पूजा होने लगी.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.