'मास्टरों का गांव' के नाम से फेमस है यूपी की ये जगह, 700 घरों में 400 से ज्‍यादा शिक्षक

Amitesh Pandey
Oct 04, 2024

UP Teachers Village

उत्‍तर प्रदेश की ज्‍यादातर आबादी गांवों में रहती है. इनमें कई अनोखे गांव है, जिसकी पहचान देश-दुनिया में है. इन्‍हीं में से एक गांव मास्‍टरों का गांव है. इस अनोखे गांव में हर घर में एक टीचर मिल जाएगा.

टीचरों का गांव

यूपी के बुलंदशहर में साबितगढ़ नाम का एक गांव है. इस गांव ने देश को अब तक 400 से ज्‍यादा शिक्षक दे चुका है.

गांव पर किताब

इस गांव के इतिहास को लेकर एक किताब भी लिखी जा चुकी है, जिसका नाम 'तहकीकी दस्‍तावेज' है.

लेखक

इस पुस्‍तक को साबितगढ़ गांव के रहने वाले पेशे से शिक्षक हुसैन अब्‍बास ने ही लिखा है.

गांव के पहले शिक्षक

इस गांव के पहले शिक्षक 1880 में तुफैल अहमद बने. वह एक एडेड स्‍कूल में तकरीबन 60 साल 1940 तक शिक्षा दी.

सरकारी टीचर

इसके बाद आजाद भारत के इस गांव में सबसे पहले सरकारी टीचर हुसैन बने.

कितना बड़ा गांव

बुलंदशहर का साबितगढ़ गांव 1271 एकड़ में फैला है. साल 1876 में यहां पहला मदरसा खोला गया.

कितने घर

वर्तमान में इस गांव में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर कुल 7 विद्यालय हैं. इस गांव में करीब 600 से 650 घर हैं.

गांव की आबादी

इस पूरे गांव की आबादी 17 से 18 हजार के बीच है. इस गांव के शिक्षक देशभर के कई राज्‍यों में तैनात रहे हैं.

प्रशासनिक सेवाओं में गए

आज इस गांव के बच्‍चे न केवल शिक्षक बन रहे हैं, बल्कि इंजीनियर, डॉक्‍टर और प्रशासन सेवाओं में जा रहे हैं.

गेस्‍ट टीचर

वर्तमान में इस गांव से 60 से 70 बच्‍चे गेस्ट टीचर, ट्यूटर और स्‍पेशल एजुकेटर बन चुके हैं.

महिलाएं भी कम नहीं

इस गांव की महिलाएं भी कम नहीं है. पुरुषों के बराबर की संख्‍या में इस गांव की औरतें सरकारी क्षेत्र में सेवा दे रही हैं.

पहले इंजीनियर

इस गांव के पहले सिविल इंजीनियर अकबर हुसैन बने थे. वे भारत-पाक बंटवारे के वक्त पाकिस्तान चले गए.

डॉक्‍टर-वकील भी

अभी इस गांव में करीब 50 लोग इंजीनियर हैं. वहीं, डॉक्टरी पेशे में लोग विदेश में भी सेवा दे रहे हैं.

डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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