हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है. इस साल चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी पर आ रही है. 10 अप्रैल को नवरात्रि का दूसरा दिन है. इस दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की पूजा की जाती है.
मां ब्रह्माचारिणी को तप का देवी कहा जाता है. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि में दूसरे दिन की पूरी पूजा विधि और महत्व के बारे में.
मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था और नारद जी के उपदेश का पालन किया जिसके अनुसार भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां माता ने घोर तपस्या की थी.
दूसरे दिन मां ब्रह्माचारिणी की पूजा विधि विधान से की जाती है. सुबह सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर साफ कपड़े पहनें. मां को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद मां को अक्षत चंदन और रोली चढ़ाएं.
मां को कमल और गुड़हल पसंद है और उनको ये फूल चढ़ाएं. दीया प्रज्जवलित करें और मां की आरती उतारें. मां ब्रह्माचारिणी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं.
मां ब्रह्माचारिणी को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. ये भोग मां को अर्पित करन से भगवती अतिशीघ्र प्रसन्न होती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की साधना का मंत्र ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।।
इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि माता को हरा रंग पसंद होता है.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना करने वालों की शक्तियां असीमित हो जाती हैं,
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.