आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक हैं.
उनकी लिखी रचनाओं में नीति शास्त्र भी शामिल है.
जिसमें जीवन के अनुभव और नियमों के बारे में बताया गया है.
इनको जीवन में भी लागू किया जा सकता है.
चाणक्य नीति में पिता-पुत्र के बीच संबंध और व्यवहार के बारे में बताया है.
अगर बेटा 5 वर्ष से कम का है तो उसे खूब प्यार और दुलार करना चाहिए.
इसके बाद 10 वर्ष की उम्र तक बेटे पर नजर रखनी चाहिए.
इसके बाद 16 वर्ष की आयु होने पर उसके साथ मित्र के जैसा व्यवहार करना चाहिए.
साथ ही उससे जीवन से जुड़ी सभी बातें साझा करनी चाहिए.
चाणक्य नीति के अनुसार ऐसा करना बेटे के उज्जवल भविष्य के लिए लाभकारी हो सकता है.