कमजोरी को दूर करने के लिए चने की दाल का सेवन करें. चने की दाल में जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन, फोलेट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को आवश्यक और जरूरी ऊर्जा देने में मदद कर सकते हैं.
चना दाल खाने से गैस की प्रॉब्लम बढ़ सकती है. चना दाल से पेट में गैस की कई तरह की समस्या हो सकती है.
यदि आपके पेट में दर्द है तो भूल से भी चना दाल न खाएं क्योंकि यह दाल में प्रोटीन काफी ज्यादा मात्रा में होती है जो पेट ठीक से पचा नहीं पाती है.
चने की दाल को वजन कम करने के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो रात के खाने में चने की दाल जरूर शामिल करें.
यदि आप रात के समय दाल खाते हैं, तो रात के समय मांसपेशियों को खूब प्रोटीन मिलेगा और मांसपेशियां मजबूत होंगी. ऐसा इसलिए क्योंकि चने की दाल प्रोटीन के लिए बेस्ट प्लांट बेस्ड फूड सोर्स है, जिम करने वालों के लिए चने की दाल काफी अच्छा विकल्प है.
सिर्फ मांसपेशियां ही नहीं बल्कि मजबूत हड्डियां पाने के लिए भी खाने में चने की दाल का होना बहुत जरूरी है. चने की दाल में अच्छी मात्रा में फास्फोरस नाम का मिनरल पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. ऑस्टियोपोरोसिस व गठिया जैसी बीमारियों के लिए चने की दाल काफी अच्छा विकल्प है.
आजकल लोगों की लाइफस्टाइल खराब होने के कारण उनका पाचन भी लगातार खराब हो रहा है और ऐसे में डाइट में ऐसी चीजों का होना भी जरूरी है जो पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करें. खराब पाचन से जुड़ी समस्याओं के लिए रात के समय डाइट में दाल का सेवन जरूर करें.
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए चने की दाल बेहद फायदेमंद फूड है. डॉक्टर भी डायबिटिक्स को चने की दाल दिन में एक बार जरूर खाने की सलाह देते हैं.
अगर आप टूटते बालों या बालों के डैमेज होने से परेशान हैं, तो आपको नियमित चना दाल का सेवन करना चाहिए. यह फोलिक एसिड से भरपूर होता है, जो स्कैल्प को पोषण देता है और बालों को जड़ से मजबूत बनाता है. इससे बाल टूटने की समस्या कंट्रोल हो जाती है.